बैंगलोर

बेंगलूरु की इस सड़क पर एक दिन में पसरा दो टन सूखा कचरा

चित्र संते के बाद मिला

बैंगलोरJan 07, 2020 / 05:45 pm

Priyadarshan Sharma

बेंगलूरु की इस सड़क पर एक दिन में पसरा दो टन सूखा कचरा

बेंगलूरु. शहर के कुमारकृपा रोड पर आयोजित चित्रकला संते के बाद बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने वहां सफाई अभियान चलाया। कृमारकृपा रोड और आसपास के इलाके से पालिका के सफाई कर्मचारियों ने करीब दो टन सूखा कचरा एकत्रित किया।
पालिका आयुक्त बीएच अनिल कुमार ने कहा कि चित्र संते के समापन के बाद रविवार रात ही सफाई कर्मचारियों ने इलाके की सफाई की। अधिकांश कचरा सूखा था। कचरे को एकत्रित करने के बाद सडक़ को पूरी तरह साफ किया गया। उन्होंने कहा कि पालिका सफाई को लेकर प्रतिबद्ध है।
चित्रकला संते

शहरों की ओर भागने की होड़ में कहीं पीछे छूटे ग्राम जीवन की सहजता, छोटी-छोटी पगडंडियों पर अलसायी सी पसरी खामोशी, मुंडेर पर गूंजता परिंदों का संगीत, धान की बालियों से सजा खेतों का सौंदर्य और गरीबी के बावजूद खिलखिलाती जिंदादिली को जब कलाकारों की तूलिका का स्पर्श मिला तो वह शहर के सबसे पॉश इलाके में इठलाती व दमकती नजर आई। अवसर था, शहर में रविवार को शिवानंद चौराहे के निकट आयोजित चित्र संते का जहां हजारोंं कलाकृतियां गांवों, किसानों को नमन कर रही थीं।
शिवानंद चौराहे से लेकर विंडसर मैनर चौराहे तक कुमारकृपा रोड में जहां देखो, वहां चित्र तथा चित्रकला के प्रेमी नजर आ रहे थे। पिछले 17 वर्ष से कर्नाटक चित्रकला परिषद की ओर से आयोजित हो रहा चित्र संते आज सिलिकॉन सिटी बेंंगलूरु की पहचान बन चुका है। अबकि बार चित्रकला का यह अनूठा मेला किसान, कृषि तथा ग्राम्य जीवन पर केंद्रित रहा।
मेले की थीम के अनुसार चित्रकारों ने कृषि, किसान तथा देहाती संस्कृति के विभिन्न आयामों को छूने का प्रयास किया। खेत जोतता किसान, प्राकृतिक सुंदरता के बीच लहलहाते हरे-भरे खेत, किसी गांव के संयुक्त परिवार में पोतों को कहानी सुनाती दादी, नानी, मां का वात्सल्य, पेड़ की छांव में बैठी गांव की पंचायत, अच्छी फसल होने के पश्चात किसान के चेहेरे पर बिखरी हंसी, कृषि जीवन के अभिन्न अंग मवेशी और समय के साथ बदलती कृषि उपकरण यह सब चित्र संते में देखने को मिला।
कई राज्यों की कला संस्कृति
चित्रकला संते अब एक राष्ट्रीय आयोजन बन गया है। रविवार को आयोजित मेले में कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के चित्रकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए किसान तथा कृषि से संबंधित विषयों को रूप देते हुए अन्नदाता की भावनाओं को चित्रकला प्रेमियों तक पहुंचाया।

Hindi News / Bangalore / बेंगलूरु की इस सड़क पर एक दिन में पसरा दो टन सूखा कचरा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.