बंडीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक टी. बालचंद्र ने बताया कि बाघ (Tiger) की तलाश जारी है। वन विभाग ने कोई कसर बाकी नहीं रखी है। कैमरों की संख्या 140 से 200 की गई है। हुंडीपुरा में गत 30 वर्ष से परिवार के साथ रह रहे किसान नारायण ने कहा कि इस क्षेत्र में हाथियों का दिखना आम बात है, लेकिन गत छह माह से नियमित रूप से बाघों का दिखना चिंतित करने वाला है। खेतों में काम करना और मवेशियों को चराना मुश्किल हो गया है।
हालांकि बालचंद्र का कहना है कि लोगों को डरने की नहीं सावधानी बरतने की जरूरत है। वन विभाग किसानों की काउंसलिंग भी कर रहा है। बाघ देखे जाने की स्थिति में वन विभाग को सूचित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने फिर दोहराया कि बाघ को मारने की योजना नहीं है। बाघ को तब तक मारा नहीं जा सकता जब तक उसके आदमखोर होने की पुष्टि ना हो जाए। आदमखोर घोषित करने के पहले कई नियमों का पालन करना पड़ता है। नौ सदस्यीय समिति को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है।