साथ ही यह भी बताया कि टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) से येलो लाइन (आरवी रोड से बोम्मासंद्रा) का पहला सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) संभवतः 15 जनवरी, 2025 को हेब्बागोडी डिपो पर पहुंचेगा।
छह कोच वाली डीटीजी ट्रेन वाइटफील्ड-चलघट्टा और ग्रीन लाइन (सिल्क इंस्टीट्यूट-मडावरा) को जोड़ने वाली भारी भीड़ वाली पर्पल लाइन पर दौड़ेने से पहले इसकी संभवत: करीब छह महीने तक सढन टैस्टिंग की जाएगी। असेंबलिंग के बाद, प्रोटोटाइप को स्टैटिक और इलेक्ट्रिकल सर्किट टेस्ट से गुजरना होगा, उसके बाद मेनलाइन पर डायनेमिक टेस्ट होंगे।
चीन की सीआरआरसी कॉर्पोरेशन लिमिटेड को बेंगलुरु मेट्रो के दूसरे चरण की परियोजना (73.95 किमी) के लिए 216 नए कोच की आपूर्ति करने का ठेका दिया गया है। इस परियोजना में पर्पल लाइन (लाइन-1), ग्रीन लाइन (लाइन-2) और येलो लाइन (लाइन-3) शामिल हैं।
सीआरआरसी ने स्थानीय विनिर्माण मानदंडों का अनुपालन करने के लिए भारत में ट्रेनसेट बनाने के लिए टीआरएसएल के साथ साझेदारी की है। इनमें से 126 कोच (21 छह कोच वाली ट्रेनें) पर्पल और ग्रीन लाइन के लिए हैं और 90 कोच (15 छह कोच वाली ट्रेनें) येलो लाइन (आरवी रोड-बोम्मासंद्रा) के लिए हैं। शेष 20 छह कोच वाली डीटीजी ट्रेनों का निर्माण टीआरएसएल द्वारा पश्चिम बंगाल में उत्तरपारा संयंत्र में किया जाएगा।
बीएमआरसीएल अधिकारियों के अनुसार, टीआरएसएल से पहली डीटीजी ट्रेन 2025 के अंत तक यानि एक साल बाद तक आने की उम्मीद है और पर्पल और ग्रीन लाइन को 2027 की पहली तिमाही तक सभी 21 डीटीजी ट्रेनें मिल जाएंगी।