प्राप्त जानकारी के अनुसार बंदरगाह पर इसे बुधवार को अनलोड किया जाएगा। करीब 5 दिन की सीमा शुल्क निकासी के बाद, इसे सडक़ मार्ग से बेंगलूरु ले जाया जाएगा। इसके इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के पास हेब्बागोडी डिपो लाया जाएगा। चेन्नई से सडक़ मार्ग के जरिये केवल रात में सफर करने के कारण इसे बेंगलूरु पहुंचने में करीब दो सप्ताह का समय लगेगा।
परीक्षणों की लंबी शृंखला चलेगी हेब्बागोडी पहुंचने पर इसके स्थैतिक और विद्युत सर्किट परीक्षण के लिए टैस्ट ट्रैक पर ले जाने से पहले इसे असैम्बल किया जाएगा। बाद में, इसे लगभग 15 परीक्षणों के लिए मेनलाइन पर ले जाया जाएगा। चूंकि यह एक नया रोलिंग स्टॉक है, इसलिए कई परीक्षण करने की आवश्यकता होगी। चार महीने तक चलने वाले 37 परीक्षण होंगे। इसके बाद 45 दिन तक सिग्नलिंग परीक्षण होंगे। येलो लाइन पर परिचालन शुरू करने के लिए आठ ट्रेनों की आवश्यकता होगी।