राज्यपाल ने आम नागरिकों से युद्ध विधवाओं, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण और पुनर्वास का समर्थन करते हुए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों, उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट निकायों काे भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की सहायता करने में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान से देश की सेवा करने वाले सैनिकों की शिक्षा, चिकित्सा देखभाल और पुनर्वास जैसी आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है।राज्यपाल ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की सराहना करते हुए कहा कि आज हमारी सेना आधुनिक तकनीक और उन्नत हथियारों से लैस है और हमें इस प्रगति पर बहुत गर्व है। कार्यक्रम में राज्यपाल ने सशस्त्र सेना ध्वज और सशस्त्र सेना दिवस कोष में सुविधाजनक दान के लिए एक क्यूआर कोड का भी अनावरण किया। समारोह का समापन विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों को सशस्त्र सेना ध्वज पुरस्कार प्रदान करने के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य सचिव शालिनी रजनीश, अतिरिक्त मुख्य सचिव उमाशंकर, सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एम.बी. शशिधर, सेवानिवृत्त मेजर जनरल बसवराज गिलगंची आदि मौजूद थे।