सिद्धरामय्या ने मैसूरु जिले के टी. नरसीपुर विधानसभा क्षेत्र में 470 करोड़ रुपए के सार्वजनिक कार्यों का उद्घाटन करने के बाद पूछा, किसी तरह सिद्धरामय्या सरकार को गिराने के लिए उन्होंने (भाजपा ने) 50 विधायकों को 50 करोड़ रुपए की पेशकश की। उनके पास इतना पैसा कहां से आया? क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों बीएस येडियूरप्पा, बसवराज बोम्मई, विपक्ष के नेता आर अशोक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने पैसे छापे? उन्होंने कहा कि यह सब रिश्वत का पैसा था।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, उन्होंने करोड़ों रुपये कमाए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल करके उन्होंने प्रत्येक विधायक को 50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की। सिद्धरामय्या ने कहा, लेकिन इस बार हमारे किसी भी विधायक ने इसके लिए हामी नहीं भरी। इसलिए उन्होंने किसी तरह इस सरकार को हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। इसलिए वे ऐसा (झूठे मामले दर्ज करना) कर रहे हैं।
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 133 विधायक हैं, जबकि भाजपा और उसकी सहयोगी जद-एस के पास क्रमश: 65 और 18 विधायक हैं। सिद्धरामय्या ने भाजपा पर आयकर, सीबीआई, ईडी के माध्यम से सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धमकाने का आरोप लगाया।
मुडा साइट आवंटन घोटाले का जिक्र करते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि यह 100 प्रतिशत झूठा है। उन्होंने कहा कि वह हाल ही में राजनीति में नहीं आए हैं, बल्कि पिछले कई दशकों से राजनीति में हैं और 40 साल पहले पहली बार मंत्री बने थे। उन्होंने आगे कहा कि वह दो बार विपक्ष के नेता, दो बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन पर कोई दाग नहीं है।
उन्होंने कहा, आज उन्होंने (भाजपा) यह कहते हुए झूठा मामला दर्ज कराया है कि सिद्धरामय्या और उनकी पम्नी ने 14 साइट ले ली हैं। क्या सिद्धरामय्या को 14 साइटों के लिए राजनीति की जरूरत है? उन्हें (विपक्ष) लगता है कि लोग मूर्ख हैं। जब तक मेरे पास लोगों का आशीर्वाद है, मैं झुकूंगा नहीं और न ही डरूंगा।
उन्होंने कहा कि विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी जद-एस ने निराधार आरोप लगाए, झूठे मामले बनाए और ईडी और राज्यपाल का इस्तेमाल कर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने कई लोगों पर यह (एजेंसियों का दुरुपयोग) आजमाया। उन्होंने सोरेन (झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन), दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर ऐसा किया और अब वे मुझ पर भी ऐसा कर रहे हैं।
भाजपा हमेशा पिछले दरवाजे से सत्ता में आई सिद्धरामय्या के अनुसार, भाजपा झूठे मामले ला रही है क्योंकि उनके द्वारा शुरू की गई पांच गारंटी गरीबों के लाभ के लिए थीं। सिद्धरामय्या ने आरोप लगाया कि भाजपा दो बार सत्ता में आई – 2008 और 2019 में पिछले दरवाजे से क्योंकि उनके पास लोगों का जनादेश नहीं था। उन्होंने याद दिलाया कि 2008 में 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में भाजपा को 110 सीटें और 2019 में 104 सीटें मिलीं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा ने 2019 में सत्ता में आने के लिए 17 विधायकों (तीन जद-एस और 14 कांग्रेस) को खरीदने के लिए 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया। सिद्धरामय्या ने कहा, उन्होंने प्रत्येक विधायक को 30 करोड़ रुपये दिए। उनके पास इतना पैसा कहां से आया? क्या यह भ्रष्टाचार का पैसा नहीं है?