शहर के कब्बन रोड से केआइए तक हाई-स्पीड रेल नेटवर्क परियोजना को साकार करने के लिए वर्ष 2008 में बेंगलूरु एयरपोर्ट रेल लिंक (बीएआरएल) लिमिटेड का गठन किया था जिसने तीन चरणों वाली अल्ट्रा हाई स्पीड रेल प्रणाली की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी थी। स्वीडन की कंपनी द्वारा तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में 45 किमी के रेल लिंक का सुझाव दिया गया था जिसमें 38 किमी का निर्माण दो चरणों में जबकि सात किमी का तीसरे चरण में होना था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (शहरी विकास विभाग) महेन्द्र जैन ने कहा कि हम परियोजना को मेट्रो रेल निगम को सौंप रहे हैं और उसे बीएआरएल की जिम्मेदारी भी हस्तांतरित करेंगे। हाई-स्पीड रेल परियोजना को छोड़ दिया जाएगा। इसके बजाय, हम उपनगरीय रेल परियोजना के तहत हवाई अड्डे को जोडऩे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल निगम ने पहले ही नागवारा-केआइए मेट्रो लाइन की डिजाइन के लिए निविदा आमंत्रित की है और राज्य सरकार ने 5950 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उन्होंने कहा कि मेट्रो के अतिरिक्त उपगनरीय रेल सेवा से भी केआइए तक सुगम सम्पर्क स्थापित करने पर काम किया जाएगा। शहर से देवनहल्ली जाने वाली मौजूदा रेल लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण करने पर रेलवे अधिकारियों से बातचीत चल रही है। हम इस रेल लाइन को ही उन्नत करके इसे सुपरफास्ट ट्रेनों के परिचालन लायक बना सकते हैं।
उपनगरीय रेल से किफायती सफर
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार उपनगरीय रेल पर जोर दे रही है, क्योंकि यह अधिक किफायती किराए पर यात्रियों को गतिशील रेल सेवा प्रदान करती है। रेल किराया मेट्रो किराए से सस्ता है। इसलिए उपनगरीय रेल परियोजना दैनिक यात्रियों के लिए भी मददगार होगी और वे रेलवे मासिक पास के साथ यात्रा कर सकते हैं। साथ ही बिना किसी परेशानी के हवाई यात्री भी देवनहल्ली रेलवे स्टेशन का उपयोग केआइए आने जाने के लिए कर सकते हैं। सरकार अब बीएआरएल को विघटित करने की तैयारी में है।