कोविड से उबरे लोगों से दान में प्लाज्मा लेने से पहले एंटीबॉडी की जांच होती है। कई मामलों में देखा गया है कि माइल्ड लक्षण वाले मरीजों में ज्यादा मात्रा में एंटीबॉडी विकसित हुई जबकि कोविड के गंभीर और बेहद गंभीर मरीजों में यह बात नहीं थी।
चीन के एक अध्ययन के अनुसार 17 फीसदी मरीज स्वस्थ होने के बाद दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। इस बात को लेकर वे शुरू से चिकित्सकों, स्वास्थ्य विभाग और अन्य स्वास्थ्यकर्मचारियों को आगाह करते रहे हैं। एक बार संक्रमित और स्वस्थ होने के बाद मरीज की इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होती है। ऐसे में रीइंफेक्शन शरीर को कितना, किस हद तक और किन-किन अंगों को प्रभावित करेगा का अंदाजा नहीं है। दीर्घकालिक प्रभाव को समझने की जरूरत है।