साध्वी संगीतश्री ने पॉवर ऑफ टेकनोलोजी, एक्सीलेंसी, अट्रैक्शंन, चीयरफुल नेचर और हम्बलनेस के माध्यम से टीच शब्द का अर्थ बताया। साध्वी भव्ययशा ने कहा कि बच्चों को सही समझ देकर धर्म करने की प्रेरणा एवं सही दृष्टि दें। आंचलिक संयोजक माणकचंद संचेती ने ज्ञानशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। क्षेत्रीय संयोजिका नीता गादिया ने आगामी वर्ष के कार्यक्रम की जानकारी दी। तेरापंथ सभा के व्यवस्थापक विनय बैद ने विचार व्यक्त किए। जोन संयोजिका बबीता चोपड़ा, चेतन वेद मुथा, लता गांधी ,मुख्य प्रशिक्षिका मंजू गन्ना, पदमा चोपड़ा का सहयोग रहा। लकी ड्रॉ विनर का तेरापंथ सभा बेंगलूरु ने सम्मान किया।