14 अगस्त 1929 को जन्में लोकनाथ ने 650 से अधिक कन्नड़ फिल्मों व एक हजार से अधिक नाटकों में अभिनय किया। सिंगापुर गए मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी लोकनाथ के निधन पर शोक संदेश जारी किया है। कन्नड़ फिल्मों की अभिनेत्री रह चुकीं राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री जयमाला ने लोकनाथ के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया और कन्नड़ फिल्मों व कन्नड़ रंगमंच के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने लोकनाथ के निधन को फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
राज्य के ग्रामीण विकास व पंचायत राज मंत्री कृष्णा बेरेगौड़ा ने भी लोकनाथ के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। इससे पहले उनके निधन का समाचार मिलते ही कन्नड़ फिल्म जगत की अनेक हस्तियों ने पद्मनाभनगर स्थित उनके निवास पर जाकर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए।
बाद में उनके शव को दोपहर 3 बजे तक आमजन के अंतिम दर्शनों के लिए रवीन्द्र कला क्षेत्र में रखा गया, जहां सैकड़ों प्रशंसकों, शुभचिंतकों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अंतिम दर्शन किए। भुतय्यन मगा अय्यो, नागरहावु, बंगारदा पंजर, काकनकोटे सहित अनेक हिट कन्नड़ फिल्मों में अभिनय करने वाले लोकनाथ ने एक चरित्र अभिनेता के तौर पर अपने जीवंत अभिनय की छाप छोड़ी। सोमवार की शाम शहर के बनशंकरी में अंतिम संस्कार किया गया।
मैकेदाटु परियोजना पर शुरू हो काम
बेंगलूरु. शहर को अतिरिक्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को मैकेदाटू परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू कर देना चाहिए। कन्नड़ चलुवली वाटाल पक्ष के अध्यक्ष वाटाल नागराज ने यह बात कही।
यहां सोमवार को इस मांग को लेकर आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के पश्चात उन्होंने कहा कि इस योजना पर रोक लगाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने भी इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए मंजूरी दे दी है। ऐसे में राज्य सरकार को इस योजना के लिए शिलान्यास करते हुए योजना शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कर्नाटक को तमिलनाडु के साथ कोई बातचीत करना या तमिलनाडु की अनुमति लेने की आवश्यकता भी नहीं है।
यह केवल एक पेयजल आपूर्ति योजना होने के कारण इस योजना का विरोध भी संभव नहीं है। कावेरी जलबहाव क्षेत्र में आज तक राज्य की सभी योजनाओं का तमिलनाडु ने विरोध किया है। तमिलनाडु ने केआरएस बांध का भी विरोध किया था। इस योजना के कारण ही तमिलनाडु के लाखों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। इसके बावजूद तमिलनाडु ने इस योजना का खर्चे में हिस्सा देने से इनकार किया था।