मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विजय बहादुर सिंह ने बुधवार को बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चिन्हित किया गया है। इन्हें तीन समूहों में बांटा गया है- पहले समूह में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं, दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं। इसके बाद अन्य आम लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होने बताया कि भारत में कोरोना वैक्सीन उतनी ही प्रभावी होगी जितनी अन्य देशों द्वारा विकसित वैक्सीन, वैक्सीन परीक्षण के विभिन्न चरणों में इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। सुरक्षा और प्रभाव की डेटा की जांच के आधार पर मंजूरी के बाद ही नियामक निकायों द्वारा वैक्सीन लगायी जाएगी।
कोविड वैक्सीनेशन के लिए होगा पंजीकरण
कोविड वैक्सीनेशन के लिए पात्र लाभार्थियों को पहले पंजीकरण कराना होगा। उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से वैक्सीनेशन और उसके निर्धारित समय के बारे में स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा सूचित किया जायेगा। पंजीकरण के लिए फोटो के साथ पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।
पंजीकरण के लिए देना होंगे फोटो पहचान पत्र
पंजीकरण कराने के लिए लाभार्थी को आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी एवं पैन कार्ड, पासपोर्ट, जॉब कार्ड, पेंशन दस्तावेज, मनरेगा कार्ड, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी आधिकारिक प्रमाण पत्र, बैंक, पोस्ट आॅफिस द्वारा जारी पासबुक, केंद्र, राज्य सरकार या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा आईडी कार्ड में से एक फोटो युक्त पहचान पत्र देना होगा।
इन कारणों से जरूरी है पंजीकरण व कागजात
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बी.पी. सिंह ने बताया कि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के कोरोना वैक्सीन नहीं प्राप्त कर सकता है। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण के बाद ही सत्र स्थल और समय की जानकारी दी जायेगी। फोटो आईडी पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इच्छित व्यक्ति को वैक्सीन लगाया गया है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन की नियत तिथि, स्थान और समय के बारे में मोबाइल पर एसएमएएस प्राप्त होगा। कोरोना वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर लाभार्थी को उनके मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जायेगा।
इन सावधानियों का भी करना होगा पालन
कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कम से कम आधे घंटे तक वैक्सीनेशन केंद्र में आराम करना चाहिए। यदि बाद में कोई असुविधा या बेचैनी महसूस होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम और आशा को इसकी सूचना दें। कोरोना अनुरूप व्यवहारों जैसे मास्क पहनना, हाथ की सफाई और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाये रखने का पालन करें।
मधुमेह व उच्च रक्तचाप पीड़ित के लिए जरूरी
यदि कोई कैंसर मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है तो वह भी कोरोना वैक्सीन ले सकता है। इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है। कोविड संक्रमितों को भी वैक्सीनेशनेशन की आवश्यकता है।
28 दिनों के अंदर लेनी होगी दूसरी खुराक
कोरोना वैक्सीन व्यक्ति की रजामंदी के बाद ही दिया जाना है। यद्यपि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन आवश्यक भी है। साथ ही वैक्सीन की पूरी खुराक पूरा करने के लिए 28 दिन के अंदर एक व्यक्ति द्वारा इसकी 2 खुराक लेने की सलाह दी गयी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह स्पष्ट भी किया है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद आमतौर पर एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है।