गौरतलब है कि बलरामपुर-रामानुजगंज एसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए पूर्व नक्सली, पूर्व नक्सली की पत्नी व बच्चे की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है। एसपी ने शनिवार को बलरामपुर जिले के ग्राम बनौर निवासी पूर्व नक्सली सुपेल महंत व रामअवधेश को दफ्तर में बुलाया।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि अत्यधिक गरीबी व आर्थिक तंगी के कारण वे पढ़-लिख नहीं पाए हैं, उनकी पढऩे की इच्छा है। इस पर एसपी ने दोनों का 10वीं (ओपन) में दाखिला कराया।
वहीं पूर्व नक्सली रामअवधेश के पुत्र ने भी आर्थिक तंगी के कारण 10वीं की पढ़ाई छोड़ दी थी, उसका भी 10वीं ओपन में दाखिला कराया। एडमिशन कराने के बाद एसपी ने तीनों को पढ़ाई तथा परीक्षा की तैयारी करने कॉपी, पेन, पुस्तकें व गाइड खरीदकर दिया। एडमिशन पाकर तीनों के चेहरे पर मुस्कान बिखर आई।
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पूर्व नक्सली की पत्नी का कराया एडमिशन, बच्चों की पटाई फीसएसपी ने बलरामपुर जिले के ग्राम गम्हरिया निवासी पूर्व नक्सली सीताराम की पत्नी विराजो को भी 10वीं ओपन में एडमिशन दिलाकर कॉपी, पुस्तकें खरीदकर दी। इसके अलावा विराजो के 2 बच्चे, जिनकी पिछले वर्ष की स्कूल फीस बाकी थी, उसे चुकता किया।
वहीं दोनों बच्चों के इस वर्ष की स्कूल फीस, यूनिफॉर्म व कॉपी-पुस्तकें दी। एसपी ने पूर्व नक्सली व उनके परिवार को पढ़ाई के साथ ही अन्य मदद करने का भी आश्वासन दिया है। इस पर पूर्व नक्सली व उसके परिवार ने एसपी व बलरामपुर पुलिस को धन्यवाद किया।
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महिला आरक्षक का भी कराया दाखिलाअनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से देवकुंवर की पुलिस विभाग में भर्ती हुई है। कुछ दिन पूर्व ही वह बेसिक ट्रेनिंग पूरा कर रक्षित केन्द्र बलरामपुर में पदस्थ हुई है।
महिला आरक्षक द्वारा एसपी को बताया गया कि घर की स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से वह केवल 8वीं तक ही पढ़ाई कर सकी थी। एसपी ने महिला आरक्षक का भी 10वीं ( ओपेन ) में दाखिला कराया। वहीं आवश्यक पाठ्य सामग्री प्रदान की।