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छत्तीसगढ़ी परंपरा.. किसान इस वजह से मां अन्नपूर्णा को लगाते हैं चीला का भोग, विधि-विधान से करते है पूजा पंजीकृत हितग्राहियों को पहले चरण में एक लाख रुपए तक की और दूसरे चरण में 2 लाख रुपए तक की राशि 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर दी जाएगी। कलेक्टर चंदन कुमार ने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश जनपद सभी जनपद सीईओ एवं सीएमओ को दिए हैं। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र लुइस लकरा ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 प्रकार के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को शामिल किया गया है।
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CG Election 2023 : राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा रद्द, सीएम बघेल ने बताई ये बात… इनमें कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लोहार, ताला बनाने वाले, हथोड़ा और टूल किट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकनी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले शामिल हैं।
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दंतेवाड़ा में हादसा… यात्रियों से भरी पिकअप पलटी, 20 लोग हुए घायल, 4 की हालत गंभीर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत शिल्पकारों और कारीगरों को प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के जरिए पहचान मिलेगी। योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण टूलकिट लाभ, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन विपरण सपोर्ट दी जाएगी। योजना तहत पंजीकरण हेतु न्यूनतम 18 वर्ष, पिछले 5 वर्ष में राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी योजना में ऋण न लिया हो। पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्य पत्र नहीं होंगे।