scriptक्रिसमस पर तुलसी पूजा मनाएं… कथावाचक देवी चंद्रकला ने गुरु गोबिंद के साहिबजादों की शहादत पर कही ये बात | Celebrate Tulsi Puja on Christmas, storyteller Devi Chandrakala said this | Patrika News
बलोदा बाज़ार

क्रिसमस पर तुलसी पूजा मनाएं… कथावाचक देवी चंद्रकला ने गुरु गोबिंद के साहिबजादों की शहादत पर कही ये बात

CG News: केंद्र सरकार ने भी 26 दिसंबर को बाल दिवस घोषित किया है। ऐसे वक्त में जब हमारे सिख भाई अपने इतिहास की सबसे बड़ी शहादत को याद कर रहे हों

बलोदा बाज़ारDec 26, 2024 / 01:34 pm

चंदू निर्मलकर

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CG News: गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों ने गला कटवाकर दीवारों में जिंदा चुनवा दिया जाना सही समझा, लेकिन धर्म नहीं छोड़ा। उनकी याद में हर साल 21 से 17 दिसंबर तक शहीदी सप्ताह मनाया जाता है। केंद्र सरकार ने भी 26 दिसंबर को बाल दिवस घोषित किया है। ऐसे वक्त में जब हमारे सिख भाई अपने इतिहास की सबसे बड़ी शहादत को याद कर रहे हों, तब क्रिसमस की खुशियां मनाना हमारे लिए ठीक नहीं है।

CG News: शहादत को किया समर्पित

अयोध्या से आकर बलौदाबाजार में श्रीराम कथा कह रही देवी चंद्रकला ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अगर इस दिन कोई पर्व ही मनाना है, तो सिख धर्म के वीर बाल दिवस को प्राथमिकता दें। गुरुवार को इसे उत्साह के साथ मनाएं। यह दिन गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। उन्होंने धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राण त्याग दिए थे।
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देवी चंद्रकला ने 25 दिसंबर को तुलसी दिवस मनाने का भी सुझाव भक्तों को दिया। आयोजन समिति की ओर से मुख्य संयोजक पुष्पराज टंकराम वर्मा ने बताया कि गुरुवार को कथा के तीसरे दिन श्रीराम जन्म प्रसंग का वाचन किया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में कथा में शामिल होने का आग्रह किया है।
storyteller Devi Chandrakala

भगवान को पकड़ना सिर्फ भक्ति से संभव

देवी ने कहा कि भगवान को सीधे-सीधे पकड़ना बहुत मुश्किल है। जो सच्चे मन से प्रभु का भक्त बन गया, फिर उसे भगवान को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती। भगवान को भक्ति से पकड़ना संभव है। भक्ति के लिए भी आपको सिर्फ निश्छल भाव चाहिए। जिस दिन आप सच्चे मन से भक्ति में लीन हो जाएंगे, उस दिन भगवान खुद आपको खोजते हुए आएंगे। देवी चंद्रकला ने जाप का महत्व समझाते हुए बताया कि कलयुग में नाम संकीर्तन का बड़ा महत्व है। आप कुछ नहीं कर सकते, तो सिर्फ नाम जपकर भी प्रभु के कृपा पात्र बन सकते हैं।

तन का आहार भोजन मन का आहार भजन

देवी चंद्रकला ने कहा कि मनुष्य के तन का आहार भोजन है। मन का आहार भजन है। उन्होंने कहा कि मेरे रघुनाथजी ने जगत के कल्याण के लिए देव रूप छोड़कर मनुष्य रूप में अवतार लिया। इस रूप में उन्होंने समाज में मर्यादाओं के जो मापदंड स्थापित किए हैं, उसका पालन हर व्यक्ति करने लगे तो आज और अभी रामराज आ जाए। उन्होंने भक्तों से आह्वान किया कि सुबह उठते ही सबसे पहले रामजी का नाम लें। फिर माता-पिता, गुरु और श्रेष्ठजनो के चरणों में मस्तक रखकर प्रणाम करें। यह हमारी परंपरा है। बड़ों के सामने झुकें।

छत्तीसगढ़ी अंदाज में कथा सुन मंत्री टंकराम वर्मा भी झूम उठे

देवी चंद्रकला ने बुधवार को संगीतमयी भजनों के साथ छत्तीसगढ़ी अंदाज में भक्तों को शिव-पार्वती के ब्याह का प्रसंग सुनाया। बिलकुल नए तरीके से बताई गई इस कथा ने भक्तों को ऐसा बांधा कि सब आनंद से झूम उठे। मंत्री टंकराम वर्मा भी भक्तों की भीड़ के बीच भजनों पर थिरकते दिखे। मानस विदूषी देवी चंद्रकला ने शिव-पार्वती ब्याह का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि शिवजी सभी जीव-जंतुओं के देवता हैं। उनके विवाह में भूत, पिशाच समेत सभी जीव-जंतु बाराती बनकर पहुंचे थे। इससे मां पार्वती देवी के घरवाले भयभीत हो गए थे।

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