इस बारे में मौसम की जानकारी का बारीकी से पालन करें और जहां तक संभव हो शीत लहर के दौरान घर से बाहर रहने और यात्रा से बचना चाहिए। इससे बचाव के लिए नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का लगातार सेवन करते रहना चाहिए और यदि कंपकपी हो रही हो, उंगलियों में सफेद या पीलापन दिख रहा हो, सुन्नता महसूस हो रही हो तो, इससे बचाव के लिए किसी चिकित्सक से अवश्य संपर्क करना सही होगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी महिश्वर ने बताया कि बच्चों एवं बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। पूरी कोशिश करें कि स्वयं को गर्म रखें तथा ताजा भोजन का सेवन करें, जिसमें फल सब्जियों सहित विटामिन सी का भी समावेश होना आवश्यक है। शीत लहर के कारण लापरवाही करने पर शीतदंश या हाइपोथर्मिया (Hypothermia) जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है, जिसमें शरीर के तापमान में कमी, कंपकपीए बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों में अकड़न, भारी सांस लेना जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
कुछ मामलों में कमजोरी या व्यक्ति अचेत भी हो सकता है, ऐसी स्थिति में तत्काल व्यक्ति को चिकित्सक से परामर्श कर अपना उपचार करवाने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी कुछ लोग ठंड से बचने के लिए कोयला जलाकर आग सेंकते हैं, परंतु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बंद कमरे में कभी भी कोयला जला कर यह सब नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो बहोत जहरीली है और लोगों की जान भी ले सकती है।
Hypothermia Treatment: शरीर को पूरी तरह से गर्म रखें
हाइपोथर्मिया (Hypothermia) की स्थिति में व्यक्ति को गर्म स्थान पर लिटाना चाहिए और उसके कपड़े बदल कर, उसके शरीर को कंबल, गर्म कपड़े, सूखी तौलिया या चादर से ढ़क दें शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दिया जाना चाहिए। किसी भी हालत में शराब का सेवन सही नहीं है। शराब के सेवन से शरीर के तापमान में कमी हो जाती है, जो रक्त वाहिकाओं को संकराकर देता है, जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा और बढ़ जाता है। अगर कंपकपी ज्यादा बढ़ रही है तो तुरंत ही स्वयं को गर्म रखने का प्रयास करना सही होता है। अचेत अवस्था में व्यक्ति को कोई पेय पदार्थ न दें। शीतलहर से बचने हेतु सावधानी रखना सबसे सही और सटीक उपाय होता है।