सीहोर से पधारे पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra Sehore Wale) ने भगवान शिवकथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शिव, शिवतत्व से जुड़े रहोगे तो सोचने की जरूरत नहीं है कि आपका घर कौन चला रहा है। जब हम शिव की चरणों में है तो चिंता की जरूरत नहीं है। हम जो कर रहे हैं वो प्रभु इच्छा है, इसलिए नाहक परेशान होने की जरूरत नहीं है। उसकी मर्जी है क्या देगा और क्या लेगा। बस आप साफ व पवित्र मन से जो भी काम करोगे उसका पूर्ण फल प्राप्त होगा। जब भी शिवालय जाएं, तब अपना मन में सत्यता रखें, सत्यता ही आपको भगवान शिव की कृपा दिलाएगी।
कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने बताया कि हम जितने बुरे हैं, उतना संसार में कोई नहीं है। ये भाव हमें सत्य और शिव के पास ले जाएगा। शंकर भगवान को करोड़ों की संपत्ति चढ़ाओगे वो स्वीकार नहीं करेंगे, पर एक बेलपत्र चढ़ाओगे वो स्वीकार कर लेंगे। एक बेलपत्र में सभी माताएं विराजमान हैं। यही शिव तत्व की महत्ता है। राजा राग देखता है, भगवान अनुराग देखते हैं यही शिव गुण हैं। भगवान शिव से, माता पिता से, गुरु से कभी ज्ञानी नहीं बनना। अपने कर्म से डरिये, क्योंकि कर्म का फल देवताओं को भी प्राप्त हुआ और हम सभी को प्राप्त होगा। हम भगवान, माता-पित, गुरु से बड़े नहीं हैं। शिव भक्त का अपमान और उसके साथ किया गया छल बाबा सहन नहीं करते हैं। शिवालय, शिवतत्व के साथ शिवभक्तके साथ किया गया अच्छा व्यवहार भक्ति का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार है छेरछेरा। रीति है कि छत्तीसगढ़ के लोग जो मीठा व्यवहार और मेहमान को खूब खिलाते हैं, अन्न दान करते हैं। छत्तीसगढ़ के लोग प्रेम बांटते हैं। प्रेम और सम्मान देना छत्तीसगढ़वासियों का गुण है। ये शिवजी छत्तीसगढञ के प्रति अनुराग का प्रमाण है। इसलिए लोकोक्ति है कि ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।’ लोग कहते हैं कि भगवान की भक्ति करने वाले को बहोत दु:ख प्राप्त होता है पर हम कहते हैं कि जो जितना खरा होता है, उतना ही तपाया जाता है और शिव भक्त निखरता जाता है। शिव तत्व, शिव भक्ति में इतनी शक्ति है की खाली झोली भरते हैं। दिल से शिव की भक्ति कीजिए बाबा आपकी झोली खुशियों भर देंगे। दुनिया में बड़े पद से सुशोभित विधायक, सांसद, मंत्री, कलेक्टर को उनके पद से जानते हैं पर शिव भक्त को मेरे देवादिदेव महादेव के नाम से जानते हैं।