पहाड़ी जमीन होने के कारण शुरुआत के 2 वर्ष खरीफ मौसम में प्याज की खेती
उन्होंने वर्ष 2012 में ग्राम झींकाटोला में बचत राशि और अपने आसपास के रिश्तेदारों से पैसे लेकर 5 एकड़ जमीन खरीदी। पहाड़ी जमीन होने के कारण शुरुआत के 2 वर्ष खरीफ मौसम में प्याज की खेती एवं रबी मौसम में साग सब्जी की खेती शुरू की। @ patrika . चूंकि 3 एकड़ जमीन खेती योग्य नहीं थी जिसे समतलीकरण कर और बड़े-बड़े पत्थरों को हर साल निकालकर खेती योग्य बनाया। इस कार्य में उनके साथ उनके पति, बेटा, बहू ने साथ देकर दिनरात मेहनत की। सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण दिक्कत होती रही। सिंचाई व्यवस्था के लिए बोर खनन करवाया। बारिश में तो काम चल जाता किंतु गर्मी में पानी की समस्या उत्पन्न होती रही।
ड्रिप में खेती करने पर लागत कम और उत्पादन ज्यादा
वर्ष 2014-15 में उद्यान विभाग द्वारा टपक सिंचाई योजना (ड्रिप) के बारे में जानकारी मिलने के बाद वह सालभर साग सब्जी की खेती कर रही हैं। ड्रिप में खेती करने पर लागत कम और उत्पादन ज्यादा प्राप्त हुई। साथ ही विभाग द्वारा ड्रिप योजना का लाभ भी मिला। उद्यानिकी विभाग की संपर्क एवं अधिकारियों के मार्गदर्शन से विभागीय अनुदान प्राप्त हुई है। शुरुआत से अब तक टमाटर, मिर्ची, धनिया, करेला, लौकी, फूलगोभी, पत्तागोभी, गाठगोभी, हरी सब्जियों की खेती की जा रही है।
अच्छे उत्पादन से आमदनी भी बहुत अच्छा हुई
वर्ष 2015 में सब्जी के भाव कम होने से जुताई का पैसा भी घर से दिया गया परंतु वर्ष 2018 में कृषक द्वारा पहली बार क्राप्टेड बैगन की खेती की जिसमें बहुत अच्छा उत्पादन हुआ। अच्छे उत्पादन से आमदनी भी बहुत अच्छा हुई। वर्ष 2019 में ट्रैक्टर के साथ साथ अन्य उपकरण जैसे एमबी पलाउ, रिजर, रोटावेटर, कृटीवेटर, डमरु आदि खरीदी।
15 एकड़ में सब्जी की खेती
अब खेत की तैयारी के साथ बहुत से काम ट्रैक्टर द्वारा किया जा रहा है साथ समय की बचत हो रही है। इस वर्ष 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर साग सब्जी के रखबे को और बढ़ाकर 15 एकड़ में सब्जी की खेती की जा रही है। वर्तमान में कृषक द्वारा मिर्च, करेला, खीरा, फूलगोभी, फ्रेमिंग बरबटी, गिलकी, लौकी, बैगन, टमाटर, मूली, पपीता आदि की खेती की जा रही है। आम रोपण की तैयारी भी की जा रही है।
विभाग से जानकारी लेकर अपनाया व्यवसाय
उद्यान विभाग के उपसंचालक आकांक्षा सिन्हा ने बताया कि इस योजना में जिले के अधिक से अधिक किसान विभाग से जानकारी लेकर अपना व्यवसाय व खेती-बाड़ी के कार्य कर सकते हैं।