scriptपसरा लगाने वाले कारोबारी चबूतरे में बैठने को तैयार नहीं, बाजार की समस्या जस की तस | बुधवार व इतवारी बाजार: बाजार की समस्या हल करने कारोबारियों का सहयोग भी जरूरी | Patrika News
बालोद

पसरा लगाने वाले कारोबारी चबूतरे में बैठने को तैयार नहीं, बाजार की समस्या जस की तस

बालोद शहर के सबसे पुराने बुधवारी व इतवारी बाजार में लगातार पसरा लगाने वालों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन पुराने बाजार की स्थिति जस की तस है। इन्हें व्यवस्थित करने नगर पालिका अभियान चलाती है, लेकिन अभियान ठंडे बस्ते में चला जाता है। बाजार का पसरा इन दिनों सड़क पर लगने लगा है।

बालोदSep 02, 2024 / 11:30 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद शहर के सबसे पुराने बुधवारी व इतवारी बाजार में लगातार पसरा लगाने वालों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन पुराने बाजार की स्थिति जस की तस है। इन्हें व्यवस्थित करने नगर पालिका अभियान चलाती है, लेकिन अभियान ठंडे बस्ते में चला जाता है। बाजार का पसरा इन दिनों सड़क पर लगने लगा है।
Budhwari and Itwari Bazaar: बालोद शहर के सबसे पुराने बुधवारी व इतवारी बाजार में लगातार पसरा लगाने वालों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन पुराने बाजार की स्थिति जस की तस है। इन्हें व्यवस्थित करने नगर पालिका अभियान चलाती है, लेकिन अभियान ठंडे बस्ते में चला जाता है। बाजार का पसरा इन दिनों सड़क पर लगने लगा है। सब्जी व अन्य व्यापारी के लिए चबूतरा का निर्माण किया गया है। 2007-2008 में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राकेश यादव के समय में 70 लाख खर्च कर बनाए गए चबूतरे अब किसी काम के नहीं रहे।

बाजार व्यवस्थित करने मिला सिर्फ आश्वासन

कुछ माह पहले भाजपा पार्षदों व शहर मंडल ने पालिका अध्यक्ष, सीएमओ, पुलिस अधिकारियों से बाजार को व्यवस्थित कराने की मांग की थी। पालिका व पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन ही दिया था। आज तक कुछ नहीं हुआ। नतीजा यह है कि आज भी व्यापारी सड़क पर बैठकर सब्जी फल बेच रहे है।
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त्यौहारी सीजन में रहेगी भीड़

अभी भी मुख्य बाजार मार्ग में मालवाहक वाहन प्रवेश कर रहे हैं। इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया है। ऐसे में पालिका व यातायात पुलिस को विशेष अभियान चलाकर बाजार को व्यवस्थित करने की जरूरत है।

बाजार के चबूतरों पर मवेशियों का डेरा

नगर पालिका का उद्देश्य है कि सड़क के बजाए बजार पसरा में सब्जी बेचें। लेकिन व्यवस्था बन नहीं रही है। सड़क पर पसरा लगाने की वजह से बाजार के दिनों में मोटर साइकिल तक लाना ले जाना नहीं हो पाता। सड़कें जाम हो जाती हैं। 70 लाख से बनाए गए चबूतरों को नगर पालिका ने भी अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब ये मवेशियों, साइकिल रखने व होटल खोलने का काम आ रहा है।
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नपा की अपील बेअसर

पालिका समय-समय में बाजार पसरा को व्यवस्थित करने पहल करती है, लेकिन व्यापारियों के सामने बेबस है। पालिका व्यापारियों से अपील कर रही है कि बनाए गए चबूतरे पर पसरा लगाएं।

एंबुलेंस और राहगीरों को होती है परेशानी

बुधवारी व इतवारी बाजार से होकर पांडेपारा भी जाना पड़ता है। बड़ी बात यह है कि कोई एंबुलेंस गुजरे तो पसरा हटाने में ही लोगों को समय लग जाता है। सभी व्यापारी बाजार पसरा में बैठना शुरू कर दें तो बाजार के दिन भी मार्ग में आवाजाही शुरू हो जाएगी।

हर साल बनती है योजना

बुधवारी व इतवारी बाजार को व्यवस्थित करने हर साल योजना बनाई जाती है, लेकिन यह योजना सिर्फ कागजों में ही रहती है। पालिका भी जान रही है कि बाजार को व्यवस्थित किया जाना जरूरी है।

जमकर होता है विवाद

बाजार पसरा लगाने के मामले में कई बार विवाद हो चुका है। यदि बाजार को व्यवस्थित कर दिया जाए तो विवादों से बचा जा सकता है।

मालवाहकों का प्रवेश प्रतिबंधित करना चाहिए

भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर ने कहा कि इस पर पालिका को विशेष ध्यान देना चाहिए। तीज त्यौहार का सीजन है बाजारों में भीड़ रहेगी। ऐसे में मालवाहकों का प्रवेश प्रतिबंध भी करना चाहिए, जिससे जाम से मुक्ति मिल सके।

सब्जी विक्रेताओं का सहयोग मिलना जरूरी

नगर पालिका बालोद के सीएमओ सौरभ शर्मा ने कहा कि बुधवारी बाजार को व्यवस्थित करने का प्रयास पालिका करती है। सब्जी विक्रेताओं का सहयोग मिलना जरूरी है। हम भी मान रहे है कि कई बाजार चबूतरा खाली है। आगे विचार किया जाएगा।

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