बीईओ के निर्देश की अवहेलना की
जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले के मुताबिक घटना की सूचना प्राप्त होते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा ने शाला का निरीक्षण किया। पाया कि शाला के मूल भवन का एक कमरा बच्चों के बैठने योग्य नहीं था। शाला में तीन अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया गया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने शाला प्रमुखों को पूर्व में ही निर्देशित किया है कि बच्चों को असुरक्षित भवन में न बैठाया जाए। सुरक्षित कक्ष में अध्यापन कराया जाए। प्रधान पाठक ने बच्चों को नवीन अतिरिक्त कक्ष में न बैठाकर पुराने भवन में अध्यापन कराया जा रहा है। नवीन अतिरिक्त कमरा प्रधान पाठक अपने कार्यालय के रूप में उपयोग कर रहे हैं। यह भी देखें : संकुल समन्यवक ने दी थी स्कूल ठीक होने की रिपोर्ट
संकुल केंद्र दुधली के संकुल समन्वयक के 29 जुलाई के प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार उन्होंने संकुल केंद्र दुधली की समस्त शालाओं का मौके पर भौतिक निरीक्षण किया, जिसमें सभी शालाओं की स्थिति ठीक होना बताया।
संकुल समन्वयक ने की घोर लापरवाही
संकुल समन्वयक के संकुल अंतर्गत संचालित संस्थाओं का सतत निरीक्षण नहीं किया जाना पाया गया। जो उनकी शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता तथा उदासीनता है। यह कृत्य छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत है। फलस्वरूप छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियत्रंण एवं अपील) नियम 1966 में निहित प्रावधानों के तहत यशवंत निर्मलकर, सहायक शिक्षक एलबी प्राथमिक शाला रेंघई (संकुल समन्वयक संकुल केंद्र दुधली) डौंडीलोहारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।
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प्रधानपाठक ने भी सब ठीक होने की दी थी रिपोर्ट
प्रधान पाठक तुलसी गोयल ने भी जिला शिक्षा विभाग को 25 जुलाई को दिए प्रतिवेदन में सब ठीक है, कहकर रिपोर्ट भेजी। कहा कि वर्तमान में जहां स्कूल संचालित हैं, वह भवन अच्छा है। व्यवस्थित है। जबकि प्रधान पाठक ने नए अतिरिक्त भवन में बैठाना छोड़ पुराने ही भवन में बैठा दिया और यह घटना घट गई। इस लापरवाही की वजह से प्रधान पाठक को भी निलंबित कर दिया है।
विधायक बोलीं-दोषियों पर हो कार्रवाई
डौंडीलोहारा की विधायक अनिला भेंडिया ने कहा कि मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। जर्जर स्कूल भवनों को सुधारने पर सरकार और प्रशासन ध्यान दे। यह घटना दु:खद है। कांग्रेस की सरकार के समय कई स्कूलों का भवन बनाने स्वीकृति हुई थी।
बच्चे खतरे से बाहर, निगरानी की जा रही
जिला अस्पताल बालोद के सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने कहा कि चारों स्कूली बच्चों की स्थिति सामान्य है। खतरे से बाहर है। सिर में चोट लगाने के कारण 24 घंटे के लिए डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।