जेल के अंदर अपने भाइयों से मिलकर लिपट पड़ी बहनें, नम आंखों से बांधी राखी
जिला जेल के अंदर बहन राखी लेकर पहुंची और बंदी गृह से भाई निकले तो बहनों की आंखें नम हो गई। अपने भाई से लिपट कर रोने लगी। फिर भाई की पूजा कर कलाई में राखी बांधी।
Rakshabandhan सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला जेल बालोद से भाई बहन के प्यार की भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई, जहां सलाखों के पीछे कैद बंदियों को उनकी बहनें राखी बांधने पहुंची।
लगभग 4 साल बाद बहनों को बंदी भाइयों की कलाई में राखी बांधने का मौका मिला। कोरोना काल से राखी बांधने की अनुमति थी। जैसे ही जिला जेल के अंदर बहन राखी लेकर पहुंची और बंदी गृह से भाई निकले तो बहनों की आंखें नम हो गई। अपने भाई से लिपट कर रोने लगी। फिर भाई की पूजा कर कलाई में राखी बांधी।
सोमवार को जेल परिसर में राखी का पर्व मनाया गया। बंदियों की बहनें बड़ी संख्या में कारागृह परिसर में पहुंची। अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। जेल परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी।
जेल परिसर में प्रवेश से पहले ही महिलाओं की कड़ी जांच की गई। जो जरूरी सामग्री थी, उसे ही अंदर लाने की अनुमति दी गई।
बहन ने बांधी राखी तो छलक पड़े आंसू
बंदी भाई को राखी बांधी तो महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली, लेकिन थोड़ी देर के बाद दोनों भावुक हो गई। बहनों ने अपने भाई का मुंह मीठा कराया। कुछ देर बातचीत हुई। इसके लिए सीमित समय था। बहनों ने अपने भाइयों से दोबारा ऐसा काम न करने की बात कही, जिससे जेल आना पड़े।
जिलेभर में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दोपहर डेढ़ बजे भद्रा का साया समाप्त हुआ तो बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची। भाई की तिलक, आरती के बाद मुंह मीठा कराया। और राखी बांधी। वहीं भाइयों ने भी जीवन भर अपने बहनों की रक्षा करने का वचन दिया।
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