गिनाई उपलब्धि, कहा बेहतर कार्य हुए
उन्होंने कहा कि मुझे खुद पर विश्वास है। मेरे कार्यकाल में जितना काम हुआ, उम्मीद के अनुरूप है। जनता की समस्याओं का समाधान करना ही हमारा उद्देश्य रहा। मुझे लगता है मेरे कार्यकाल में की बेहतर कार्य हुए। उन्होंने उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि पूरे शहर में डामरीकरण हुआ। गांधी भवन का निर्माण, पर्याप्त व साफ पानी के लिए फिल्टर प्लांट बना, चार और नई पानी टंकी का निर्माण, एक नया टाउनहाल, रैन बसेरा, मंगलभवन, मुक्तिधामों को व्यवस्थित किया। बूढ़ादेव उद्यान, गंगासागर तालाब की सफाई, इनडोर स्टेडियम का निर्माण, घड़ी चौक का निर्माण, स्वर्ग रथ की सुविधाएं दिलाई, छत्तीसगढ़ महतारी की स्थापना, सफाई व्यवस्था आधुनिक तरीके से कराने मशीनों की खरीदी और सफाई में मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। तांदुला नदी बदहाल, बाजार को नहीं कर पाए व्यवस्थित
उन्होंने कहा कि योजना यह भी थी कि तांदुला नदी की सफाई कर उनका सौंदर्यीकरण कराया जाए। साथ ही बुधवारी बाजार को व्यवस्थित करने की थी, लेकिन नहीं कर पाए।
गंगा सागर व बुढ़ा तालाब को छोड़ अन्य तालाबों दयनीय
शहर की तालाबों की स्थिति दयनीय है। खरपतवार व गंदे पानी से पानी गंदा हो रहा है। उन्होंने सबसे ज्यादा कार्य गंगा सागर तालाब में कराया है। वहीं बुढ़ा तालाब में बुढ़ा उद्यान व दशेला तालाब में नाली निर्माण व पहली बार जलाशय के पानी को दशेला तालाब में भरने की व्यवस्था की।
इनका नहीं हो सका उपयोग
नगर पालिका ने दो जगह पौनी पसारी योजना के तहत लगभग 53 लाख रुपए की लागत से शेड का निर्माण काशीबन तालाब व दूसरा अटल आवास कुंदरूपारा के पास कराया। यह सिर्फ दिखावा रह गया। बस स्टैंड में मातृ शिशु पालन कक्ष का निर्माण कराया था। कुछ दिन इसका लाभ मिला, लेकिन बाद में यह कक्ष टेबल कुर्सी रखने के काम आ रहा है। वहीं पुष्पवाटिका संजय नगर का भी हाल बेहाल रहा। 10 लाख रुपए की पुष्पवाटिका में फूल ही नहीं खिले। पंचायतों का 8 से 10 तक आरक्षण, जिले में चुने जाएंगे 437 सरपंच व 6311 पंच
ये विकास कार्य कार्यकाल में नहीं हुए, इसलिए मलाल
उन्होंने पत्रिका से कहा कि बालोद को एक विकसित शहर में बनाने का सपना था। 8 करोड़ 10 लाख की लागत से दल्ली चौक से पाररास तक सड़क चौड़ीकरण, डिवाइडर निर्माण, स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना थी। इसकी स्वीकृति पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुई थी। अब कार्यकाल के अंतिम दिनों में इसकी स्वीकृति मिली। यह कार्य मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ। इसका मलाल है। खुशी इस बात की है कि यह काम होगा।
जनता के लिए काम करता रहूंगा
नगर पालिका बालोद के पूर्व अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने कहा कि मेरी कोशिश रही की शहर के विकास के लिए कुछ बेहतर करूं। पर अब मैं नगर पालिका अध्यक्ष नहीं हूं, लेकिन ऐसा नहीं है कि शहर हित के लिए काम न करूं। आगे चुनाव लडूं या न लडूं, लेकिन शहर व बालोद की जनता के लिए काम करता रहूंगा।
निकायों में अब प्रशासक, वित्तीय प्रभार सीएमओ के पास ही
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर अधिसूचना जारी की गई है। कलेक्टर से लेकर जिले के सभी निकाय के सीएमओ व संबंधित अफसरों को सूचना दी गई है। बालोद नगर पालिका में एसडीएम बालोद, दल्लीराजहरा नपा में डौंडी एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बालोद के तहसीलदार को नगर पंचायत डौंडी व डौंडीलोहारा का प्रभार दिया गया है। इसी तरह डौंडी के तहसीलदार को नगर पंचायत चिखलाकसा, गुरुर के तहसीलदार को नपं गुरुर, गुंडरदेही के तहसीलदार को नपं गुंडरदेही, अर्जुंदा के तहसीलदार को नगर पंचायत अर्जुंदा का प्रभार दिया गया है। वित्तीय प्रभार नगर पालिका सीएमओ के पास ही रहेगा।