बैठक की समाप्ति के बाद अचानक गिर पड़े केराम यह मामला गुरुवार को कलक्टोरेट में आयोजित कृषि विभाग की बैठक में हुआ, जहां बैठक समाप्त हुई तो जिला कृषि अधिकारी यशवंत केराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई और बैठक हाल में ही गिर पड़े। इस घटना से कलक्टोरेट में हड़कंप मच गया। उपस्थित अन्य अधिकारी कृषि अधिकारी को संभालने में लगे रहे जिसके बाद इसकी सूचना कलक्टर को दी गई। बताया जाता है कि कृषि अधिकारी केराम के पैर में पैरालिसिस हो गया, जिसके बाद तत्काल जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से और बेहतर इलाज के लिए दुर्ग रेफर किया गया।
कलक्टर ने पहले किए जांच फिर भेजे अस्पताल
यह घटना दोपहर 1.30 बजे की है जहां कलक्टोरेट में कृषि विभाग से संबंधित बैठक चल रही थी, समाप्ति के बाद तभी अचानक यह घटना घट गई। घटना के बाद कलक्टर सारांश मित्तर ने खुद ही बीमार केराम की जांच की और बताया कि इनका ब्लड प्रेशर बढ़ा है जिससे यह स्थिति निर्मित हो गई। उसके बाद कलक्टर ने अपने वाहन चालक को बुलाकर शासकीय वाहन से बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया कि केराम का बेहतर इलाज हो।
यह घटना दोपहर 1.30 बजे की है जहां कलक्टोरेट में कृषि विभाग से संबंधित बैठक चल रही थी, समाप्ति के बाद तभी अचानक यह घटना घट गई। घटना के बाद कलक्टर सारांश मित्तर ने खुद ही बीमार केराम की जांच की और बताया कि इनका ब्लड प्रेशर बढ़ा है जिससे यह स्थिति निर्मित हो गई। उसके बाद कलक्टर ने अपने वाहन चालक को बुलाकर शासकीय वाहन से बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया कि केराम का बेहतर इलाज हो।
तनाव में होता है ऐसा
स्वास्थ्य संचय निजी अस्पताल के चिकित्सक प्रदीप जैन ने बताया कृषि अधिकारी की स्थिति सामान्य है। अचानक बीपी बढ़ जाने के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने बताया ज्यादा तनाव में ऐसा होता है। आज उन्होंने ब्लड प्रेसर की दवाई भी नहीं ली थी। फिलहाल और बेहतर उपचार के लिए उसे दुर्ग भेजा गया है।
स्वास्थ्य संचय निजी अस्पताल के चिकित्सक प्रदीप जैन ने बताया कृषि अधिकारी की स्थिति सामान्य है। अचानक बीपी बढ़ जाने के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने बताया ज्यादा तनाव में ऐसा होता है। आज उन्होंने ब्लड प्रेसर की दवाई भी नहीं ली थी। फिलहाल और बेहतर उपचार के लिए उसे दुर्ग भेजा गया है।