बच्ची के चेहरे और शरीर में फफोले पड़ गए। बच्ची की मां ने रात में कोतवाली थाना प्रभारी को फोन पर जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची का प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद पुलिस ने मां-बच्ची को सखी सेंटर झलमला में रखा। वहीं आरोपी आरक्षक ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
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पुलिस दरवाजा नहीं तोड़ पाई तो दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया, लेकिन शुक्रवार सुबह आरोपी वहां से फरार हो गया। थाना प्रभारी जीएस ठाकुर ने बताया कि आरोपी बकाया पैसे देने के लिए बच्ची के घर आया था। फिलहाल उसके खिलाफ धारा 294, 323, 324 के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस जांच में जुटी है।
ये है पूरा मामला
आरोपी बालोद के रक्षित केंद्र में आरक्षक के पड़ पर पदस्थ था और सिवनी गांव में लक्ष्मी नांनदर नाम की महिला के घर किराये पर रहता था। लगभग एक महीना पहले उसका ट्रांसफर दुर्ग के रक्षित केंद्र में हो चूका है। लक्ष्मी नांनदर ने लॉकडाउन के दौरान पैसों की दिक्कत होने पर आरक्षक से पैसे उधार लिए थे ।
वही पैसे वापस लेने आरक्षक शनिवार को लक्ष्मी के घर पहुचा था और उसी के घर में ठहरा हुआ था । गुरुवार को रात में वह शराब पीकर लौटा और उसने लक्ष्मी की डेढ़ साल की बच्ची को खुद को पापा कहने के लिए कहा । बच्ची के ऐसा नहीं कहने पर वह से सिगरेट से जलाने लगा और बीचबचाव करने आई लक्ष्मी की भी बुरी तरह पीटा ।