ग्रामीणों को नए मुख्यमंत्री से उम्मीद
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सड़क के निर्माण की घोषणा की थी। तीन साल पहले ही 8 करोड़ की स्वीकृति बजट में दे दी गई थी लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल पाई। जब पूर्व मुख्यमंत्री ने जगन्नाथपुर में हुए भेंट मुलाक़ात में घोषणा की तो ग्रामीणों ने जमकर जश्न मनाया व पटाखे भी फोड़े थे।
ग्रामीणों को राहत देने किया था पेंच वर्क
वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा जुगेरा से घुमका तक सड़क में हुए गड्ढों को भरा गया था। पेंचवर्क भी किया था ताकि ग्रामीणों व इस मार्ग में चलने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिल सके। हालांकि अभी पूरी तरह से नवीनीकरण के लिए अभी समय लगेगा। तब तक ग्रामीणों को इंतजार करना पड़ेगा।
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अधूरी सड़क को पूरा नहीं करने पर ग्रामीणों में में नाराजगी
दरअसल यह सड़क जुंगेरा से अर्जुन्दा तक बनाना था। लेकिन किसी कारण से यह मार्ग घुमका से अर्जुन्दा तक बन गई। वहीं जुंगेरा से घुमका तक सड़क निर्माण नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।
बजट में स्वीकृत पर प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने से अटका है काम
इस सड़क के नव निर्माण की मांग कई दिनों से चल रही है। वहीं लोक निर्माण विभाग शासन को पत्र भी लिख चुका है। शासन ने दो साल पहले बजट में इस चार किमी की सड़क को बनाने 8 करोड़ की स्वीकृति दी है। पर अब प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार विभाग को है। वहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जल्द प्रशासकीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद ग्रामीणों व विभाग को भी है।
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ग्रामीणों ने कहा सड़क निर्माण बहुत जरूरी
ग्रामीण राकेश, रोशन, दिलीप ने बताया कि घुमका से अर्जुन्दा तक सड़क बन चुकी है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है पर यह कोहंगाटोला व जुगेरा मार्ग काफी जर्जर हो चुका है। जगह-जगह गड्ढों से खतरा बना हुआ है। हालांकि सड़क का पेंचवर्क हो रहा है, जिससे थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन इस सड़क का नवनिर्माण किया जाना चाहिए।
स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा तकलीफ
होमनाथ सोनकर ने बताया कि यह मार्ग सीधे जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है। इस मार्ग से रेवतीनवागांव, मनौद, खुर्सीपार, कोहंगाटोला के स्कूली बच्चे पढ़ने आते हैं पर सड़क की जर्जर हालत से सभी स्कूली बच्चे परेशान हैं। सड़क पर गड्ढे व कीचड़ हो जाते हैं। बारिश के दिनों में तो और ज्यादा परेशानी होती है।
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प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर ही काम शुरु होगा
लोक निर्माण विभाग बालोद के ईई एम प्रसाद ने कहा कि प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हुआ है। प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही काम किया जाएगा। ग्रामीणों को राहत देने के लिए पेंच वर्क का काम किया गया था।