दवाई का छिड़काव शुरू
राहत भरी बात यह है जिले में मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई है। वहीं इस साल की बात करें तो जनवरी माह से अब तक जिले में मलेरिया के 171 मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज डौंडी व डौंडीलोहारा ब्लॉक में मिले हैं। वहीं अब मलेरिया से बचाव के लिए नगरीय निकायों में दवाई का छिड़काव शुरू कर दिया गया है।ढाई साल में जिले में 77 लोग हो चुके ठगी का शिकार, 44 मामले में 63 ठग गिरफ्तार
6 माह में मात्र 48 मरीज, सिर्फ जुलाई माह में 123
विभाग के मुताबिक जनवरी माह से जून माह तक जिले में कुल 48 मलेरिया के मरीज थे पर जुलाई माह के 31 दिनों में ही 123 मरीज मिल गए। जुलाई माह में मलेरिया विभाग की टीम ने कुल 26 हजार 792 लोगों की आरडी व रक्तपट्टी से मलेरिया की जांच की थी मलेरिया के लगातार मिलते मरीजों को देखें तो जिले में बीते साल की तुलना में इस साल मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।स्वास्थ्य विभाग की अपील, मच्छरदानी का करें उपयोग
सहायक नोडल अधिकारी डॉ. रमेश सोनबोइर ने बताया कि इस बार मलेरिया के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। ऐसे में मच्छरों से बचने के लिए लोगों को अपने घरों की साफ-सफाई व आसपास गड्ढों में भरे पानी को निकाल दें या गड्ढों को मिट्टी से भर दें। मच्छरों से बचने अनिवार्य रुप से मच्छदानी का प्रयोग करें।पैरी की डायरिया व ब्रेन हेमरेज से पीड़ित महिला की मौत, 28 नए मरीज मिले
खून जांच केंद्र में लगी भीड़, रोजाना 50 से अधिक लोग करा रहे हैं खून जांच
जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में आने वाले लगभग हर दूसरे व्यक्ति की खून जांच की जा रही है क्योंकि इनमें से कई मलेरिया और टायफाइड से ग्रसित हैं। ऐसे में चिकित्सक पीडि़तों की खून जांच भी करवा रहे हैं। खून जांच कराने पैथोलॉजी लैब में मरीजों की भीड़ लग रही है। छोटे बच्चे सहित युवा, बुजुर्ग भी बीमारी के शिकार हो रहे हैं।मलेरिया के लक्षण
0 ठंड लगना या पसीना आना0 सिरदर्द
0 शरीर में दर्द
0 तनाव और थकान
0 उल्टियाँ और बेहोशी की अवस्था (गंभीर मामलों में)
0 खून की कमी (गंभीर मामलों में)
0 आंखों के पास खून की लाइन बनना
0 डायरिया
0 एनीमिया
0 कोमा में चले जाना
0 चक्कर आना
0 तेज से सांस लेना आदि।
मलेरिया से बचाव के उपाय
0 अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें।0 पानी से भरे गड्ढ़ों में मिट्टी भर दें।
0 पानी के बर्तनों, टंकियों आदि को ढक कर रखें।
0 कूलर, पशु पक्षियों के बर्तन, इत्यादि को सप्ताह में एक बार अवश्य सुखाएं।
0 सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें।
0 अगर कंपकंपी के साथ बुखार एवं बार-बार पसीना आए तो यह मलेरिया का बुखार हो सकता है।
0 ठहरे हुए पानी जैसे तालाब कुएं आदि में गम्बूजिया मछली डालें, यह मछली मलेरिया फैलाने वाले मच्छर के लार्वा को खा जाती है।