बलिया

बलिया में बाढ़ का कहर जारी, NH- 31 पर भारी वाहनों की इंट्री बंद, हजारी प्रसाद द्विवेदी का गांव बना टापू

लोगों के सामने एक तरफ पशुओं को खिलाने के लिए चारा नहीं है वहीं दूसरी ओर भोजन बनाने से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है।

बलियाSep 20, 2019 / 01:07 pm

Akhilesh Tripathi

बलिया में बाढ़

बलिया. गंगा और घाघरा नदी में आई उफान के बाद दुबे छपरा रिंग बंधा टूटने का असर जिले के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। बलिया के बैरिया तहसील में बाढ़ के पानी का दबाव एनएच 31 पर देखते हुए भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने शहर के चित्तू पाण्डेय चौराहे पर बुधवार की रात को ही बैरिकेडिंग लगाकर भारी वाहनों का रूट बदल दिया है। अब उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फेफना चौराहा, चित्तू पाण्डेय चौराहा, दुबहड़, हल्दी व बैरिया पुलिस चिरैया मोड़ पर रातभर मुस्तैद रहकर भारी वाहनों को सहतवार रेवती होते बैरिया के रास्ते बिहार जाने वाले वाहनों का आवागमन चालू रखा है।
बलिया में बाढ़ से सदर तहसील के सांसद आदर्श ग्राम ओझवलिया और प्रसिद्ध साहित्यकार हजारीप्रसाद द्विवेदी के गांव में भी संकट पैदा हो गया है। पूरा गांव टापू बन गया है, चारों तरफ से घिर चुके गांव का सम्पूर्ण सम्पर्क मार्ग गंगा के पानी में डूब गया है। लोगों के सामने एक तरफ पशुओं को खिलाने के लिए चारा नहीं है वहीं दूसरी ओर भोजन बनाने से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत ओझवलिया में आने वाले पांच पुरवे त्रिलोकपुर मठिया, डमर छपरा, आर्त दुबे का छपरा, हरिछपरा, सरवहनपुर सहित ओझवलिया गांव के लोग बाढ़ की दुश्वारियां झेल रहे हैं।

प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं होने के चलते लोग अपने घरों के जरूरी सामानों व दवाइयों की खरीददारी नहीं कर रहे पा रहे हैं। बिजली के अभाव में पानी टंकी व मोबाइल शो-पीस बन कर रहे गए हैं। अंधेरे में डूबा हुआ ओझवलिया गांव के लोगों में सर्प और जहरीले कीड़ों से भय व्याप्त है। बाढ़ पीड़ितों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
BY- AMIT KUMAR

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