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बालाघाट

Damage To Paddy Crop-बाढ़ के पानी में डूबी धान की फसल, किसानों को हुआ नुकसान

वैनगंगा नदी के मुहाने खेतों में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी से खराब हो गई। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फसल क्षति के आंकलन के लिए अब राजस्व विभाग सर्वे प्रारंभ करेगा। बालाघाट. वैनगंगा नदी के मुहाने खेतों में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी से खराब […]

बालाघाटJul 25, 2024 / 10:15 pm

Bhaneshwar sakure

खेतों में भरा था पानी

धपेरा मोहगांव क्षेत्र में इस तरह से खेतों में भरा था पानी।

वैनगंगा नदी के मुहाने खेतों में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी से खराब हो गई। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फसल क्षति के आंकलन के लिए अब राजस्व विभाग सर्वे प्रारंभ करेगा।
बालाघाट. वैनगंगा नदी के मुहाने खेतों में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी से खराब हो गई। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फसल क्षति के आंकलन के लिए अब राजस्व विभाग सर्वे प्रारंभ करेगा। इधर, जिले में अच्छी बारिश होने के बाद से अब धान की रोपाई के कार्य में तेजी आई है।
जानकारी के अनुसार बीते दिनों जिले में भारी बारिश हुई थी। वहीं भीमगढ़ बांध से वैनगंगा नदी में पानी छोड़ दिया गया था। जिसके चलते वैनगंगा नदी ऊफान पर थी। वैनगंगा नदी के मुहाने बसे बालाघाट के कुम्हारी गांव में पानी घुस गया था। इसी तरह कुम्हारी गांव के अलावा लालबर्रा क्षेत्र का धपेरा, मोहगांव, खैरलांजी क्षेत्र का टेमनी व अन्य ग्राम, वारासिवनी क्षेत्र का रेंगाटोला, एकोड़ी, लामता क्षेत्र के देवसर्रा, तीनगढ़ी सेमरटोला सहित अन्य ग्राम प्रभावित हुए थे। वहीं इन ग्रामों के खेतों में बाढ़ का पानी भी जमा हो गया था। जिसके चलते धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
खैरलांजी, बालाघाट, लालबर्रा क्षेत्र में हुआ सर्वाधिक नुकसान
वैनगंगा नदी का जल स्तर बढ़ जाने के कारण सबसे अधिक बालाघाट के कुम्हारी, लालबर्रा क्षेत्र के धपेरा, मोहगांव, खैरलांजी क्षेत्र के टेमनी सहित अन्य ग्रामों में धान की फसल को नुकसान हुआ है। हालांकि, प्रशासन ने अभी फसल क्षति के नुकसान का सर्वे प्रारंभ नहीं किया है। सर्वे होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितने किसानों की फसल प्रभावित हुई है।
धान के रोपाई कार्य में आई तेजी
जिले में अच्छी बारिश होने से अब धान के रोपाई के कार्य में तेजी आ गई है। किसान सपरिवार रोपाई का कार्य प्रारंभ कर दिए हैं। जिले में अभी तक एक लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर धान की रोपाई का कार्य कर लिया गया है। विडम्बना यह है कि अब किसानों को धान की रोपाई के लिए श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं। पूर्व में अच्छी बारिश नहीं होने के चलते धान की रोपाई का कार्य काफी पिछड़ गया था। लेकिन अब बारिश होने पर कार्य में तेजी आई है। उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 2.50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में धान की फसल का लक्ष्य रखा गया है।
बीते 24 घंटे में 9.9 मिमी हुई बारिश
25 जुलाई को सुबह 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान जिले में 9.9 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 जुलाई को प्रात: 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान बालाघाट तहसील में 33.2 मिमी, वारासिवनी तहसील में 13.2 मिमी, बैहर तहसील में 16 मिमी, लांजी तहसील में 10.3 मिमी, कटंगी तहसील में 1.1 मिमी, किरनापुर तहसील में 3.2 मिमी, खैरलांजी तहसील में 4.2 मिमी, लालबर्रा तहसील में 2 मिमी, बिरसा तहसील में 8.2 मिमी, परसवाड़ा तहसील में 17.3 मिमी, तिरोड़ी तहसील में 0.1 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। इस प्रकार बीते 24 घंटे में बालाघाट जिले में 9.9 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई है।

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