1951 में केजी नायक (कांग्रेस) नैनसिंह को हराकर पहले विधायक बने। 1957 में मुरलीधर बटाईलाल असाटी, 1962 में महिमाल सिंह नवलसिंह मसराम, 1967 में एम सिंह, 1972 और 1977 में सुधनवा सिंह नेताम, 1980 व 1985 में गणपत सिंह उइके, 1990 में सुधनवा सिंह नेताम, 1993 और 1998 में में गनपत सिंह उइके, 2003 और 2008 में भगत नेताम, 2013 और 2018 में संजय उइके जीते।
6 बार दो परिवार सामने
बैहर में उइके व नेताम परिवार में 6 बार आमना-सामना हुआ। 1980 में गनपत उइके के सामने सुधनवा सिंह नेताम खड़े हुए। 1985 में फिर आमने-सामने आए। 2003 में भाजपा से सुधनवा पुत्र भगत नेताम व कांग्रेस से गनपत उइके, 2008 में भाजपा से भगत व कांग्रेस से गनपत उइके के बेटे संजय खड़े हुए। 2013 में संजय व भगत तो 2018 में कांगे्रस से संजय व भाजपा से भगत नेताम की पत्नी अनुपमा खड़ी हुईं।
वर्ष 1951 से 2018 तक निर्वाचित विधायक
बैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 1951 में पहला चुनाव हुआ था। केजी नायक (आइएनसी) पहले विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने नैनसिंह को चुनावी शिकस्त दी थी। वर्ष 1957 में मुरलीधर बटाईलाल असाटी ने हरेसिंह बखत सिंह को परास्त किया। वर्ष 1962 में महिमाल सिंह नवलसिंह मसराम ने हरेसिंह बखत सिंह को, वर्ष 1967 में एम सिंह ने आरपी मेरावी को, वर्ष 1972 में सुधनवा सिंह ने महिपाल सिंह, वर्ष 1977 में सुधनवा सिंह नेताम ने बैराग सिंह को चुनावी शिकस्त देकर विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष 1980 में गणपत सिंह उइके ने सुधनवा सिंह नेताम, वर्ष 1985 में कांग्रेस से गनपत सिंह उइके ने सुधनवा सिंह नेताम, वर्ष 1990 में सुधनवा सिंह नेताम ने देवलाल भास्कर, वर्ष 1993 में गनपत सिंह उइके ने बैराग सिंह, वर्ष 1998 में गनपत सिंह उइके ने बुद्ध सिंह धुर्वे, वर्ष 2003 में भगत नेताम ने गनपत सिंह उइके, वर्ष 2008 में भगत नेताम ने संजय उइके, वर्ष 2013 में संजय उइके ने भगत नेताम को, वर्ष 2018 में संजय उइके ने अनुपमा नेताम को चुनावी शिकस्त दी है।
नेताम परिवार से विधायक
वर्ष 1972 के विधानसभा चुनाव में सुधनवा सिंह नेताम पहली बार चुनाव लड़े। जनता ने उन्हें विधायक निर्वाचित किया। इसके बाद वे वर्ष 1977 में पुन: विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 1990 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडकऱ वे विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2003 में भाजपा की ओर से सुधनवा सिंह नेताम के पुत्र भगत नेताम को प्रत्याशी बनाया गया था। भगत नेताम भी पहली बार इस चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वे पुन: 2008 में विधायक निर्वाचित हुए। इस तरह से नेताम परिवार से 5 बार विधायक निर्वाचित होकर सदन तक पहुंचे हैं।
उइके परिवार से विधायक
वर्ष 1980 में उइके परिवार से पहली बार गनपत सिंह उइके ने चुनाव लड़े और विधायक निर्वाचित हुए। इसी तरह वे 1985, 1993, 1998 में भी विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2008 में कांगे्रेस ने गनपत सिंह उइके के पुत्र संजय सिंह उइके को अपना प्रत्याशी बनाया। हालांकि, संजय उइके अपना पहला चुनाव हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में संजय उइके 2013, 2018 में विधायक निर्वाचित हुए। इस तरह से उइके परिवार से 6 बार विधायक निर्वाचित होकर सदन तक पहुंचे हैं।
6 बार हुआ है दोनों परिवारों में आमना-सामना
बैहर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में उइके और नेताम परिवार में 6 बार आमना-सामना हुआ है। वर्ष 1980 में पहली बार गनपत सिंह उइके का सामना सुधनवा सिंह नेताम के साथ हुआ था। इस चुनाव में गनपत उइके को 9880 मत प्राप्त हुए थे, जबकि सुधनवा सिंह नेताम को 9215 मत मिले थे। उइके ने नेताम को 665 मतों से परास्त किया था। वर्ष 1985 में गनपत सिंह उइके का पुन: सामना सुधनवा सिंह नेताम से हुआ। इस चुनाव में गनपत सिंह विधायक निर्वाचित हुए। उइके को 12574 मत मिले थे, जबकि नेताम को 11195 मत प्राप्त हुए थे। उइके ने 1379 मतों से नेताम को परास्त किया था। वर्ष 2003 में भाजपा ने सुधनवा सिंह नेताम के पुत्र भगत नेताम को अपना प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस ने गनपत सिंह उइके पर ही विश्वास जताया। इस चुनाव में नेताम को 39297 और उइके को 31481 मत मिले। इस तरह से नेताम ने 7816 मतों से जीत हासिल कर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2008 में भाजपा ने पुन: भगत नेताम पर विश्वास जताया, जबकि कांग्रेस ने गनपत उइके के पुत्र संजय उइके को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में नेताम को 37639 और उइके को 32922 मत मिले। इस तरह से नेताम 4717 मतों के अंतर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2013 में कांग्रेस ने संजय उइके पर तो भाजपा ने भगत नेताम पर विश्वास जताया। इस चुनाव में उइके को 82419 मत प्राप्त हुए, जबकि नेताम को 50067 मत ही मिल पाए। इस तरह से यह चुनाव उइके ने 32352 मतों से जीत लिया। वर्ष 2018 में कांगे्रस ने पुन: संजय उइके पर तो भाजपा ने भगत नेताम की पत्नी अनुपमा नेताम को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में उइके को 79399 और अनुपमा नेताम को 62619 मत मिले। इस चुनाव में 16780 मतों से उइके विधायक निर्वाचित हुए।