इन सीएम राइज स्कूल की खासियत यह है कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व समुचित सुविधाएं देने के लिए एक ही परिसर में नर्सरी से 12 वीं तक कि कक्षाएं संचालित होगी। साथ ही 21 वीं सदी की दक्षताओं को विकसित करने इन स्कूलों में आधुनिक उपकरणों, प्रविधियों और तकनीक से लैस किया जाएगा।
स्वीकृत हो चुके हैं छात्रावास
सभी कक्षाएं हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यम में होगी। प्रथम चरण के 7 सीएम राइज स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत और 3 जनजाति कार्य विभाग के तहत बन रहे हैं। हालांकि जिले में सीएम राइज स्कूल्स प्रारंभ हो चुके हैं। लेकिन इनके लिए अभी पृथक से भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। जनजाति कार्य विभाग के स्कूलों के लिए 50-50 बालक व बालिकाओं के लिए 230-230 लाख की लागत से बनने वाले छात्रावास भी स्वीकृत हो चुके हैं।सभी की डिजाइन अलग-अलग
सीएम राइज स्कूलों की ड्राइंग और डिजाइन अत्यंत आकर्षकता वाली निर्धारित की गई है। जिले में बन रहे सभी 9 स्कूलों की डिजाइन अपने आप में अलग और बहुमंजिला भी है। शहर में बन रहा सीएम स्कूल तीन मंजिला है, जो किसी कारपोरेट ऑफिस की तरह शहर के बीच आकर्षक लग रहा है। इस स्कूल भवन का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसी तरह कारपोरेट डिजाइन जैसे ही जिले के अन्य स्कूल भी निर्माणाधीन है। वारासिवनी व मलाजखंड के स्कूल 90 प्रतिशत, बालाघाट व लेंडेझरी के 80 प्रतिशत, परसवाड़ा 70 प्रतिशत, खैरलांजी, कटंगी, रजेगांव और लांजी बोलेगांव के स्कूल 50, 50, 35 और 40 प्रतिशत बन चुके हैं।