देश का पहला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट – 159 करोड़ की लागत से हुआ तैयार
•Feb 28, 2019 / 10:20 pm•
Teekam saini
कपड़ा रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त प्रदूषित पानी को प्लांट में साफ करके पुन: फैक्ट्रियों व फसल सिंचाई में उपयोग लेने योग्य बनाया जाएगा। प्लांट में रोजाना 1 करोड़ 23 लाख लीटर प्रदूषित पानी साफ किया जाएगा। यह देश का पहला प्लांट होगा जहां 95 से 98 प्रतिशत पानी ट्रीट कर दिया जाएगा जो औद्योगिक इकाइयों, पेयजल व आसपास के गांवों में खेती के लिए सिंचाई में उपयुक्त होगा।
वर्तमान में सांगानेर की फैक्ट्रियों से निकलने वाले घातक रसायनों से युक्त प्रदूषित पानी को चंदलाई बांध, नेवटा बांध व मुहाना तालाब में कच्ची नहरों द्वारा छोड़ा जा रहा है। इस प्रदूषित पानी का उपयोग मुहाना, हाज्यावाला, मदाऊ, जगत श्रवणपुरा, केश्यावाला, मोहनपुरा, हसमपुरा बास, खटवाड़ा, पीपला भरतसिंह, नेवटा, खातीपुरा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के किसान खेती में फसल सिंचाई में काम में लेते हैं।
इस प्रदूषित पानी से सिंचित फसलें व सब्जियां जहरीली बन जाती है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि घातक है। सरकार द्वारा रोक के बावजूद किसान चोरी छुपे इस प्रदूषित पानी का उपयोग सिंचाई में करते हैं। ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के बाद प्रदूषित पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेगा। इससे दूषित पानी से फसल उत्पादन पर लगाम लगेगी।
मुहाना ग्राम पंचायत सरपंच सुनील कुमार, नेवटा सरपंच कल्पना झालानी, मदाऊ उपसरपंच बाबूलाल ने बताया कि विगत कई वर्षों से क्षेत्र सहित आसपास के गांवों, ढाणियों में मच्छरों को प्रकोप बढ़ गया था। इसका कारण नेवटा बांध व मुहाना तालाब सहित कई छोटे-बड़े गड्ढों में जमा प्रदूषित पानी था।
मुहाना गांव तो दुर्गंध का पर्याय बन चुका। स्वास्थ्य विशेषज्ञों कि मानें तो दूषित पानी से उल्टी, दस्त डेंगू, मलेरिया, दमा, कैंसर, श्वास रोग, चर्म रोग, खाज, खुजली आदि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थपित होने के बाद इनसे राहत की उम्मीद बंधी है।
नेवटा बांध व मुहाना तालाब के लगभग वर्ष भर प्रदूषित पानी से भरे रहने के कारण भले ही आसपास के गांवों में गिरते भूजल स्तर में कमी आई हो इसके विपरीत भूजल की गुणवत्ता में निरंतर कमी आ रही है। क्षेत्र के हैडपम्प व नलकूपों के पानी में दुर्गंध आने लगी है। प्लांट के निर्माण के बाद प्रदूषित पानी के भराव पर रोक लगने से बिगड़ती भूजल की गुणवत्ता पर रोग लगेगी।
वहीं दूसरी ओर आसपास के गांवों के किसानों की मांग है कि प्लांट द्वारा साफ पानी नेवटा बांध में भी छोड़ा जाए। भारतीय किसान संघ के सांगानेर तहसील अध्यक्ष राकेश चौधरी, सतवीर डूक्या, राजेश चौधरी ने बताया कि आसपास के दर्जनों गांवों के किसानों की रोजीरोटी का आधार नेवटा बांध है।
प्लांट से निकलने वाला साफ पानी यदि बांध में भी छोड़ा जाए तो भूजल स्तर बढ़ेगा। जिससे फसल उत्पादन शत प्रतिशत बढ़ेगा और किसान खुशहाल बनेगा।
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