नजरंदाज करता रहा प्रशासन लम्बे समय से स्थानीय लोगों की प्रशासन से मांग थी कि सरोवर में कैसे भी पानी लाकर भर दे, लेकिन सालों इंतजार करने के बाद भी प्रशासन पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया। वर्ष 2012 में तत्कालीन जिला कलक्टर सांभर पहुंचे तो लोगों ने उनको देवयानी का महत्व व आने वाले श्रद्धालुओं के बारे में बताया तो उन्होंने उपखण्ड प्रशासन को सरोवर में पानी लाने की योजना के बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए 46 लाख रुपए व्यय का अनुमान लगाया गया। इसके लिए नांवा रोड पर नरेगा के तहत कच्चा नाला बनाया गया और उसे पूर्व में बनी पक्की कैनाल से जोड़ा गया। बजट पूरा हो गया लेकिन पानी की एक बूंद भी देवयानी सरोवर में नहीं आई। वहीं इससे पूर्व बनी कैनाल से भी आज तक पानी नहीं आ पाया है। इस दौरान करोड़ों रुपए खर्च हो गए। इसके बाद प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया।
युवा कम खर्च में दो बार लबालब कर तीसरे प्रयास में जुटे
वर्ष 2012 व वर्ष 2014 में युवाओं ने अपने जज्बे व प्रयास से कुछ लाख रुपए में ही देवयानी सरोवर को लबालब कर दिया था। इस बार 28 जून को सांभर में पांच इंच बरसात हुई, तो देेवयानी से गुढा की ओर रास्ता में पानी भर गया। इसको सरोवर में लाने की कवायद शुरू की गई। पानी को जेसीबी के सहारे रास्ते बनाकर व उसके आगे वाटर पम्प व मोटरों के सहयोग से लाना शुरू किया और वर्तमान में देवयानी सरोवर में करीब 3 फीट पानी भर गया। जो कार्य प्रशासन तीस साल में नहीं कर पाया सांभर के युवाओं ने कुछ ही दिन में कम खर्च में कर दिखाया है। इस कार्य में सांभर के सैकड़ों युवा तन-मन-धन से दिन-रात जुटे हैं।
कार्य शुरू करवाने की मांग स्थानीय समाजसेवी पवन मोदी ने सांभर उपखण्ड अधिकारी व देवयानी विकास समिति के अध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा से मांग की है कि जिन विभागों ने पूर्व में देवयानी सरोवर पर विभिन्न कार्य करवाने की बात कही थी, पांच साल गुजर जाने के बाद भी नहीं हो पाए। जिन्हें शीघ्र शुरू करवाया जाए। इस पर उपखण्ड अधिकारी ने सम्बन्धित विभागों को पत्र लिखा है।
दो पर्यटन मंत्रियों ने दिए सिर्फ आश्वासन
सितम्बर 2012 मेें राज्य की तत्कालीन पर्यटन मंत्री बीना काक भी सांभर देवयानी सरोवर का अवलोकन करने पहुंची, स्थानीय लोगों के सहयोग मांगने पर आश्वासन जरूर दिया, लेकिन सहायता नहीं मिल पाई। उसके बाद सरकार बदली और पर्यटन मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा बनी उनसे भी यहां के लोगो ने सरोवर में पानी लाने के लिए कोई ठोस योजना बनाने की मांग की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल देवयानी सरोवर देखने पहुंचे तो उन्होंने स्थानीय कुओं से पाइप लाइन डालकर 56 लाख की योजना बनाने के निर्देश दिए, यह योजना शुरू भी हो गई, लेकिन पानी के नाम पर नाम मात्र का पानी आया।