scriptहत्‍याकांड में भाजपा के इस दिग्‍गज नेता और उसके भाई को मिली उम्रकैद की सजा | court sentenced satendra solanki in meerut indrapal dhaka murder case | Patrika News
बागपत

हत्‍याकांड में भाजपा के इस दिग्‍गज नेता और उसके भाई को मिली उम्रकैद की सजा

पूर्व विधायक सतेंद्र और उसके भाई हरेंद्र को दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनाई सजा
24 जून 1997 को मेरठ में हुई इंद्रपाल ढाका की हत्‍या का मामला
रालोद, सपा और बसपा के टिकट पर लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव

बागपतMay 08, 2019 / 11:55 am

sharad asthana

satendra solanki

हत्‍याकांड में भाजपा के इस दिग्‍गज नेता और उसके भाई को मिली उम्रकैद की सजा

बागपत। 22 साल पहले हुए हत्‍याकांड में उम्रकैद की सजा पाए सतेंद्र सोलंकी ने अपना राजनीतिक करियर रालोद से शुरू किया था। पूर्व विधायक सतेंद्र और उसके भाई हरेंद्र सोलंकी को मंगलवार को दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इंद्रपाल की हत्‍या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इंद्रपाल ढाका की हत्‍या 24 जून 1997 को मेरठ में हुई थी।
यह भी पढ़ें

बड़ी खबर: 22 साल पहले हुए हत्‍याकांड में कोर्ट ने सुनाई इस पूर्व विधायक और उसके भाई को उम्रकैद

जनता दल से मिला था टिकट

सतेंद्र सोलंकी को 1993 में जनता दल से चौधरी अजित सिंह ने बरनावा से प्रत्याशी बनाया था। चौगामा क्षेत्र में सतेंद्र का विरोध हुआ। आए दिन पंचायतों के दौर चले। चौधरी अजित सिंह को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। चुनाव से कुछ समय पहले टीकरी निवासी सुधीर राठी को जनता दल से सिंबल दे दिया गया। सतेंद्र सोलंकी ने इस चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकी। उस चुनाव में भाजपा के त्रिपाल धामा ने सुधीर राठी और सतेंद्र सोलंकी को चित कर दिया था। इसके बाद सतेंद्र का चौधरी अजित सिंह से मोह भंग हो गया। प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी तो सतेंद्र सोलंकी ने सपा का दामन थाम लिया।
यह भी पढ़ें

संभल: करंट से एक दूसरे को बचाने में मां-बेटी समेत तीन की मौत

1996 में सपा के टिकट पर उतरे मैदान में

1996 में बरनावा विधानसभा से सतेंद्र ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उसके सामने रालोद के समरपाल सिंह विजयी हुए। 2007 के विधानसभा चुनाव में बरनावा विधानसभा सीट से रालोद से चुनाव लड़ा। इसमें वह जीत गया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में उसे उम्मीद थी कि चौधरी अजित सिंह फिर से छपरौली से टिकट देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। परिसीमन में बरनावा विधानसभा सीट समाप्त हो गई थी। बरनावा के अधिकांश गांव छपरौली विधानसभा में शामिल कर लिए गए थे। छपरौली से रालोद का टिकट वीरपाल राठी को मिला। ऐसा होने पर सतेंद्र सोलंकी बसपा में कूद गया।
यह भी पढ़ें

यूनिवर्सिटी में छात्राओं को यह कहकर बुलाता था प्रोफेसर, लड़कियों ने चला दिया मी-टू अभियान

2017 में मेरठ से लड़ा चुनाव

2017 के विधानसभा चुनाव में सतेंद्र ने मेरठ कैंट से बसपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा। उस चुनाव में सतेंद्र को हार का मुंह देखना पड़ा था। करीब दो माह पहले ही सतेन्द्र सोलंकी ने बसपा को अलविदा कहकर अपने भाई हरेंद्र सोलंकी के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा प्रत्याशी डाॅ. सत्यपाल सिंह के लिए दोनों भाइयों ने दिन-रात मेहनत की थी। एक सप्ताह पहले इंद्रपाल हत्याकांड में जब दोनों को दोषी ठहराया गया तो दोनों भाई सन्न रह गए। उन्हें सुनवाई के दौरान ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अब पटियाला हाईकोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बड़ौत भाजपा के मीडिया प्रभारी राजीव तोमर का कहना कि सतेंद्र सोलंकी ने भाजपा की सदस्‍यता ली थी। अभी उन्‍हें निकाले जाने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App

Hindi News / Bagpat / हत्‍याकांड में भाजपा के इस दिग्‍गज नेता और उसके भाई को मिली उम्रकैद की सजा

ट्रेंडिंग वीडियो