शासन ने इसकी जांच डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को सौंपी थी। शासन ने इस मामले में जल्द रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था। डीएम की जांच रिपोर्ट में कहा है कि सीडीओ एमएल व्यास शासकीय कार्यों और योजनाओं के अनुश्रवण में रुचि नहीं दिखाते। वह कार्यों को भूलते हैं। अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यों का भुगतान करने का दबाव बनाते हैं। ऐसा नहीं करने पर उनका उत्पीड़न करते हैं। इसके अलावा जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ कई मामलों का जिक्र किया गया है। जिसमें डीएम की जांच रिपोर्ट पर ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सीडीओ को मुख्यालय से संबद्ध करने और कार्रवाई की संस्तुति कर दी।
जिस पर शासन के संयुक्त सचिव प्रहलाद बरनवाल ने सीडीओ मोतीलाल व्यास को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय लखनऊ संबद्ध करने के आदेश जारी किए।
बागपत सीडीओ पर शासन की इस कार्यवाही से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वो शासन की योजनाओं को गंभीरता से लेते हुए उसको समय से पूरा कराए।
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बागपत सीडीओ पर शासन की इस कार्यवाही से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वो शासन की योजनाओं को गंभीरता से लेते हुए उसको समय से पूरा कराए।