घटना की जानकारी देते हुए डीजीसी सुनील पंवार ने बताया कि 27 जुलाई 2017 को बड़ौत के आजादनगर में 5 व 4 वर्ष की दो सगी बहने गली में खेल रही थी। उसी समय वहां पर पड़ोस का ही रहने वाला नीरज पुत्र राजकुमार आया और बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने लगा। बच्चियों के चिल्लाने पर आरोपी बड़ी बच्ची का मुंह दबाकर उसे उठाकर एक खाली प्लाट में ले गया। इस दौरान छोटी बच्ची रोती हुई घर पहुंची और इस संबंध में परिजनों को बताया। इसके परिजन व अन्य पड़ौसी दौड़कर प्लाट में पहुंचे तो देखा कि आरोपी बच्ची के कपड़े उताकर दुष्कर्म कर रहा था। लोगों को देखकर वह बच्ची को छोड़कर भागने लगा तो लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया था।
इस संबंध में बच्चियों के पिता ने कोतवाली बड़ौत में मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। इस मामले की सुनवाई एडीजे विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट शैलेंद्र पाण्डेय की अदालत में हुई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 14 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने बुधवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा और काटनी होगी। कोर्ट ने जुर्माना अदा करने पर जुर्माने की राशि से दोनों पीड़ित बच्चियों को 40-40 हजार रुपये प्रतिकर के रूप देने के भी आदेश दिए हैं।
फैसला आते ही फूट-फूटकर रोने लगी दोषी की मां जज ने अपना फैसला करीब 2.30 बजे सुनाया। उसे पीड़ित बच्चियों के परिजन व दोषी युवक के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद थे। पीड़ित बच्चों के परिजन जहां फैसले से खुश नजर आए, वहीं कोर्ट का फैसला आते ही युवक की मां फूट-फूटकर रोने लगी। उसका कहना है कि उसका बेटा निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है।