पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा मुगल काल के हो सकते है किले की दीवारों पर मिले रहस्यमयी चित्र, जमीन में दबे भवन और कमरों की खोज के लिए योजना नहीं
बड़वानी•Jun 17, 2021 / 11:00 am•
vishal yadav
History of Sendhwa Fort
सेंधवा/बड़वानी. सेंधवा के किले को हमेशा से ऐतिहासिक कहा जाता रहा है। इसके अतीत में सैकड़ों वर्षों पुरानी परंपरा और गौरवशाली इतिहास की कई कहानियां छुपी है, लेकिन दुर्भाग्य से इस वैभवशाली किले के इतिहास को लोगों तक पहुंचाने कभी प्रयास नहीं किया गया है, लेकिन अब रहस्य की परतें खुलती दिखाई दे रही है। किले की दीवारों पर पत्थरों के बीच मिली आकृतियों के बारे में कुछ खुलाआ हुआ है। हालांकि अभी अनुसंधान जारी है। आगे कई खुलासे हो सकते है।
मुगल कालकी की हो सकती है पूर्वी दीवार पर मिली आकृतियां
पत्रिका द्वारा की गई पड़ताल में किले के पूर्वी हिस्से की दीवार पर कई रहस्यमई आकृतियां पत्थरों पर मिली थी। पूर्वी हिस्से की दीवार बेहद मजबूत और बड़ी होने के साथ ही विशेष महत्व रखती है। इस दीवार पर 4 स्थानों पर पत्थरों के बीच ऐसी आकृतियां अंकित है, जो किसी विशेष संकेत को दर्शाने के लिए बनाई गई हो सकती है। मंगलवार को पुरातत्व विभाग के अधिकारी डीपी पांडे ने जब इन आकृतियों को देखा तो बताया कि ये मुगल कालीन हो सकती है। पूर्वी दीवार के कुछ हिस्सों में दरवाजे, गुलदस्ते आदि की आकृति उकेरी गई है। खास बात है कि दीवारों पर ये आसानी से नहीं दिखाई देती है। हालांकि किले पर परमारों, मुगलों, अंग्रेजों सहित होलकरों ने राज किया है। इसलिए हर काल में सुधार कार्य चलता रहा। सेंधवा किला इतिहास में एक बड़ी सैनिक छावनी के रूप में उपयोग होता था। इसलिए ये आकृतियां संकेतक के रूप में रही हो सकती है। पांडे ने बताया कि आकृतियों को पत्थरों पर बाद में उकेरा गया है। वहीं मुगलकालीन हो सकती है। पूर्वी दीवार के अंदरूनी हिस्से में तालाब के समीप भी दरवाजेनुमा आकृति बनी हुई है, जिससे ये पूरी दीवार ही कई सवालों को जन्म दे रही है।
जमीन के अंदर दबे भवनों के सवाल पर खामोशी
मंगलवार को सेंधवा किले के निरीक्षण के लिए आए पुरातत्व विभाग के अधिकारी एसडीएम कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने एसडीएम तपस्या नपा सीएमओ कैलाश वैषणव और उपयंत्री राजेश मिश्रा से लंबी चर्चा की। हालांकि अधिकारियों ने सामान्य विजिट बताया। इसके पहले अधिकारी किले की दीवारों पर उग चुके पेड़ पौधों को देखने पहुंचे। पिछले दिनों किले की दीवारों की सफाई सहित दीवारों के ऊपरी हिस्से पर सीमेंट कांक्रीट कराने की योजना स्वीकृति का इंतजार कर रही है। किले के कुछ हिस्सों में जमीन में कमरे दबे होने की संभावना और खोज के सवाल पर अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। अधिकारी का कहना था कि जो भवन या कमरे जमीन में दबे है, उसे बाहर निकालने के लिए फिलहाल कोई योजना नहीं है।
वर्जन…
किले की दीवारों पर मिली विशेष आकृतियों की जानकारी मिली है। इनका अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि ये मुगलकालीन लग रही है। ये क्यों बनाई गई है कुछ कहा नहीं जा सकता है। किले के अंदर जमीन में जो भवन दबे होने की बात कही जा रही है। उसकी खोज को लेकर फिलहाल कोई योजना नहीं है।
-डीपी पांडे, अधिकारी, पुरातत्व विभाग इंदौर
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