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भाजपा के लिए अब तक अबुझ पहेली है जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी, कभी नहीं मिली जीत
बता दें कि जिले में कुल जिला पंचायत सदस्य की 84 सीट है। सपा के गढ़ आजमगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अधिकतर समाजवादी पार्टी या बसपा का ही कब्जा रहा है लेकिन इस बार अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सत्ताधारी भाजपा ने भी पहले से ही जोर आजमाइश तेज कर दी इै। भाजपा ने अति पिछड़ी जाति से आने वाले संजय निषाद को मैदान में उतारा है तो सपा ने सपा पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय यादव को मैदान में उतारा है। बसपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सपा और भाजपा ने कुर्सी पर कब्जा के लिए पूरी ताकत झोक दी है। खास बात है कि दोनों में बराबर की लड़ाई दिख रही है।
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जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में धनबल व बाहुबल के बीच सीधा मुकाबला
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद चुनावी सरगर्मी और बढ़ गयी है। आज जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार चुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे। 26 जून को पूर्वांह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन और उसी दिन अपराह्न तीन बजे से कार्य समाप्ति तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। 29 जून को पूर्वांह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्रों की वापसी का समय निर्धारित किया गया है। तीन जुलाई को पूर्वांह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान और उसी दिन तीन बजे से कार्य की समाप्ति तक मतगणना होगी।
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जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः जानिए क्यों दो बार की विजेता के बजाय सपा ने बाहुबली के बेटे पर लगाया दाव
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद मैदान में उतर चुके दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। सपा की तरफ से दुर्गा प्रसाद यादव के साथ बाहुबली रमाकांत यादव ने कमान संभाल रखी है तो बीजेपी ने पूरे संगठन को मैदान में उतार दिया है। इस चुनाव में सपा के सामने गढ़ बचाने की चुनौती है। जबकि भाजपा के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। उसे पहली बार जीतने की कोशिश करनी है। चुंकि चुनाव सपा मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में है इसलिए दोनों दल इसे प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं।
BY Ran vijay singh