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आजमगढ़

Politics: विरोध के भंवर में फंसे सांसद निरहुआ, उनके अपने ही कर रहे जेल भेजने की मांग

BJP सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ का अपने ही क्षेत्र में विरोध बढ़ गया। विरोध उनके अपनी जाति के लोग कर रहे हैं। क्या इससे बीजेपी की भी मुश्किल बढ़ने वाली है।

आजमगढ़Dec 04, 2022 / 11:33 am

Ranvijay Singh

सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ

सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ

बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ की मुश्किल में दिख रहे हैं। कारण कि सांसद के संसदीय क्षेत्र में उनकी ही जाति के लोग उनका विरोध शुरू कर दिए हैं। अब यह बढ़ता जा रहा है। सांसद को जेल तक भेजने की मांग शुरू हो गई है। सांसद के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है।

निरहुआ ने मनबढ़ों पर कसा था तंज
भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 19 नवंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि मनबढ़ई ख़तम करना पड़ेगा। मनबढ़ई खतम होई कैसे। मनबढ़ई खतम करने का एक्के उपाय है। या तो मनबढ़ के जेल के भीत्तर नहीं त सीधा ऊपर भेज दा। ज्यादा मनबढ़ है तो ठेहुना पंचर मारके ठेहुनवे तोड़ दा।

लोग गरिमा के खिलाफ बता रहे सांसद का बयान
विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि सांसद का बयान असंसदीय है। यह सांसद की गरिमा के खिलाफ है। सांसद खुद कानून व्यवस्था को धता बताते हुए हत्या और हिंसा की धमकी देते हुए उकसा रहे हैं। इससे सिर्फ अपराध बढ़ सकता है।

आरोप, लखीमपुर खीरी जैसी घटना कराना चाहते हैं सांसद
किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजीव यादव ने सांसद के खिलाफ 21 नवंबर को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने डीएम से सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। राजीव का आरोप है कि ऐसा ही एक बयान लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी ने दिया था।

उन्होंने किसानों को सबक सिखाने की बात कही थी। इसके बाद उनके बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दिया था। जिले में एयरपोर्ट के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच सांसद निरहुआ अपने बयान से कुछ वैसा माहौल बनाने का प्रयास कर रहे है। ऐसे में समय रहते सांसद पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

सांसद को गिरफ्तार करने की मांग
लालजीत यादव क्रांतिकारी, राजनेत यादव, सूबेदार यादव, अवधेश यादव, क्षेत्र पंचायत सदस्य नायब यादव, भानू प्रताप यादव का कहना है कि सांसद जातिगत आधार पर भी टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि असली यादव देश के जो बचे अखिलेश के। क्या अब यादवों को सांसद से सार्टीफिकेट लेना होगा। आखिर क्या चाहती है सरकार।

सांसद का मनबढ़ों को लेकर दिया गया बयान उकसाने वाला है। अगर विपक्ष का नेता ऐसी बात करता तो क्या उसके खिलाफ भी प्रशासन एफआईआर नहीं करता। प्रशासन एफआईआर दर्ज करे और सांसद को गिफ्तार करे।

यादवों के साथ आने से जीते थे निरहू
लोकसभा उपचुनाव में निरहुआ को यादवों का अच्छा वोट मिला था। तमौली गांव को मुलायम सिंह यादव ने गोद लिया था। यहां बीजेपी का खाता बामुश्किल खुलता था, वहां भी निरहुआ को 186 वोट मिले थे। ऐसे कई यादव बाहुल्य गांव थे जहां बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा था।

अब बयान के बाद सांसद का केेवल यादव ही खुलकर विरोध कर रहा है। निरहुआ की जीत वे आजमगढ़ की गलती बता रहे है। वर्ष 2024 का चुनाव नजदीक है। बीजेपी से निरहुआ का उतरना तय माना जा रहा है। ऐसे में इसका असर उनके चुनाव पर भी पड़ सकता है।

निकाय चुनाव में बीजेपी को हो सकता है नुकसान
निकाय चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। कई नगर पंचायत और नगरपालिका क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है। सांसद के प्रति जिस तरह की नाराजगी दिख रही है। उसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है।

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क्या कहती है भाजपा
बीजेपी जिला उपाध्यक्ष ब्रजेश यादव का कहना है कि सांसद ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। सरकार अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर भी रही है। आज कार्रवाई का ही परिणाम है कि अपराध कम हुआ है। जो लोग विरोध कर रहे हैं समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। उसके कार्यकर्ता और पदाधिकारी रह चुके है।

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