यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने रचा इतिहास
साल 2012 के चुनाव में सपा की लहर थी। इसके बाद भी सपा को सिर्फ नौ सीट ही मिली थी। एक सीट बसपा के खाते में गई है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर थी लेकिन पार्टी का खाता नहीं खुला। सपा ने सभी दस विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। यह अपने आप में रिकार्ड है। आजमगढ़ में कभी किसी दल ने सभी सीटें नहीं जीती थी।
पहली बार हारा मुलायम सिंह के परिवार का सदस्य
आजमगढ़ सपा का गढ़ कहा जाता है। वर्ष 2014 में आजमगढ़ सीट से मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे। वर्ष 2019 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ। सीट पर वर्चस्व को कायम रखने के लिए अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया।
धर्मेंद्र यादव 10 हजार के अंतर से चुनाव हार गए। बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत हासिल की। बीजेपी को इससे पहले सिर्फ एक बार 2009 में यह सीट जीती थी। वह जीत भी तब मिली थी जब मुलायम सिंह के करीबी नेता रमाकांत यादव को पार्टी प्रत्याशी बनाया था। यह राजनीति में बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।
बाहुबली रमाकांत यादव को जाना पड़ा जेल
बाहुबली रमाकांत यादव चार बार सांसद रहे। वे पांचवी बार विधायक चुने गए। वर्ष 2022 इनके लिए काफी खराब रहा। विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी 2022 में हुए माहुल जहरीली शराब कांड में 12 लोगों की मौत हुई। पुलिस ने इस ममाले में रमाकांत यादव को आरोपी बनाया। जनवरी माह में रमाकांत यादव को जेल भेजा गया। अब तक उनकी जमानत नहीं हुई है। अब प्रशासन उनके परिवार पर भी शिकंज कस रहा है। उनके भाई के पुत्रवधू की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी चल रही है।
बात न मामने पर प्रेमी ने किए आराधना के पांच टुकड़े
अहरौला थाना क्षेत्र के इसहाकपुर निवासी आराधना प्रजापति की छह नवंबर को पांच टुकड़ों में लाश कुंए में मिली थी। पूर्व प्रेमी प्रिंस यादव ने आराधना की हत्या की थी। उसने यह हत्या इसलिए की क्योंकि आराधना अपने पति को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। आराधना की हत्या में प्रिंस के माता-पिता और मामा-मामी सहित नौ लोग शामिल थे। उसके शरीर को चापड़ से काटा गया था।
प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या कर खुद किया आत्महत्या का प्रयास
जहानागंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी धनंजय पुत्र शिवचंद ने रेलवे स्टेशन में सरेआम प्रेमिका का गला रेत दिया था। प्रेमिका की मौत हो गई थी। धनंजय ने खुद का गला रेतकर आत्महत्या का प्रयास किया था। समय से अस्पताल पहुंचने के कारण वह बच गया था।
एआईएमआईएम आतंकी सबाउद्दीन की गिरफ्तारी
यूपी एटीएस ने 9 अगस्त 2022 को एटीएस आतंकी सबाउद्दीन को मुबारकपुर से गिरफ्तार किया था। सबाउद्दीन आजमी उर्फ सबाहूद्दीन उर्फ सबाहू, उर्फ दिलावर खान उर्फ बैरम खान उर्फ आजर पुत्र जफर आजम आईएसआईएस से ताल्लुक रखता था। उसने स्वतंत्रता दिवस पर बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी।
टेट परीक्षा नकल माफिया गिरोह का पर्दाफाश
जनवरी में टेट परीक्षा में सेंधमारी हुई। जिले में शिक्षक पात्रता में गड़बड़ी करने वाले 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों का कनेक्शन रामपुर से मिला। पूरे गिरोह का सरगना रामपुर का अरविन्द गुप्ता था। वह स्कूल संचालकों से मिलीभगत कर अथ्यर्थियों को ठग रहा था। एसपी अनुराग आर्य ने मामले का 24 जनवरी को खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड समेत सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की।
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सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार निवासी अबू बशर को हमले का मास्टर माइंड माना गया था। साथ ही संजरपुर निवासी मोहम्मद आरिफ, बाज बहादुर निवासी मोहम्मद सैफ, कंधरापुर थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी शकीब निसार, बदरका चौकी का रहने वाला शैफुर रहमान और जीशान को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के दोषियों को सजा
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के 38 दोषियों को कोर्ट ने 18 फरवरी को फांसी और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सीरियल ब्लास्ट हुआ था। इसमें 56 लोगों की जान गई थी। 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। आठ फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इनमें से एक दोषी अयाज सैयद को जांच में मदद करने के एवज में बरी किया गया था। इसके अलावा 29 सबूतों के अभाव में बरी हुए थे।
सोशल मीडिया पर कई बार माहौल बिगाड़ने की कोशिश
आजमगढ़ में साल 2022 में सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने के सात पर प्रयास किए गए। हर बार धार्मिक टिप्पणी की गई। वैसे पुलिस ने ऐसे में मामलों को पूरी गंभीरता से लिया। पुलिस की सतर्कता ही कि कभी अमन चैन में खलल नहीं पड़ा। इस मामले में यह साल पिछले एक दशक में सबसे अच्छा रहा।