आजमगढ़

40 लम्बे इंतजार के बाद बनी सडक, 25 दिन में ही उख्ड़ गयी गिट्टी

चुनाव आयोग के संज्ञान लेने के बाद रेलवे ने कराया था सड़क का निर्माण।

आजमगढ़May 29, 2019 / 01:35 pm

रफतउद्दीन फरीद

आजमगढ़

आजमगढ़. 40 साल का लंबा इंतजार तब खत्म हुआ 25 दिन पहले जब चुनाव आयोग ने रेलवे की जर्जर सड़क का संज्ञान लिया और देखते ही देखते एक सप्ताह में सड़क का निर्माण हो गया। लोगों को लगा कि सरकार न सही लेकिन आयोग की पहल से उनके अच्छे दिन आ गए लेकिन रेलवे ने निर्माण के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी की और परिणाम रहा कि सड़क की गिट्टी उखड़ गयी। जिस तरह गिट्टी उखड़ रही उससे पक्का है कि एक बरसात के बाद सड़क का नामोनिशान मिट जाएगा।

बात हो रही है रेलवे स्टेशन मूसेपुर मार्ग की। यह सड़क रेलवे की है लेकिन स्टेशन चहारदिवारी के बाहर है। इस सड़क का उपयोग यात्रियों के अलावा मूसेपुर, पल्हनी सहित कई गांव के लोग करते है लेकिन यह सड़क चार दशक से टूटी थी। हल्की सी बरसात में भी इसपर जलजमाव हो जाता था और महीनों पानी रहता था। सड़क में तीन से चार चार फिट के गड्ढे थे। दुर्घटना तो यहां के लिए आम बात थी।

इस सड़क के लिए कई कार स्थानीय लोगों ने आंदोलन किया। रेलवे परामर्श दात्री समिति से लेकर आम आदमी ने डीआरएम और जीएम के सामने मांग रखी कि सड़क की मरम्मत करायी जाय लेकिन रेलवे ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया जाता था कि उक्त सड़क उनके उपयोग की नहीं है इसलिए वे मरम्मत नहीं कराएंगे। इसके बाद लोगों ने प्रशासन और नगर पालिका से गुहार लगाई। नगरपालिका ने मरम्मत की अनुमति मांगी तो रेलवे ने नहीं दिया। तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने भी अपने स्तर पर प्रयास किया कि पीडब्ल्युडी से इसकी मरम्मत करायी जाय लेकिन तब भी रेलवे ने अड़गा लगा दिया। इसके बाद लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी। बस जिसके दरवाजे पर पानी लगता वह उसमें ईंट के टुकड़े आदि फेकवा देता था।

लोकसभा चुनाव में बेलइसा स्थित एफसीआई गोदाम को मतगणना स्थल बनाया गया तो चुनाव में आये पर्यवेक्षक की नजर इस सड़क पर पड़ गयी। कारण कि रूट डायवर्जन के तहत इसका उपयोग होना था। प्रशासन से सारी स्थित की जानकारी लेने के बाद उन्होंने चुनाव आयोग को सूचित कर दिया। आयोग ने सख्ती दिखायी तो रेलवे ने इसके मरम्मत की परमिशन दे दी। रेलवे मंडल वाराणसी ने आइओडब्ल्यू को पत्र लिख जल्द से जल्द सड़क निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। निर्देश मिलते ही सड़क का निर्माण शुरू हो गया और आइओडब्ल्यू राकेश कुमार सिंह की देखरेख में एक हफ्ते में निर्माण पूरा भी हो गया लेकिन मानक की खुलेआम अनदेखी की गयी।

हालत यह हुई कि सड़क निर्माण पूरा होने के अगले दिन से ही गिट्टी उखड़ने लगी। आज हालत यह है कि सड़क जगह जगह बुरी तरह टूटने लगी है। शिकायत को विभाग पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है। रेलवे परामर्श दात्री समिति के सदस्य सुरेश शार्मा को कहना है कि रेलवे ने आम आदमी का मजाक उड़ाया है। वह नहीं चाहता था कि सड़क का निर्माण हो, जब आयोग के दबाव में किया गया तो मानक को ताक पर रख दिया गया। अरविंद जायसवाल का कहना है कि मोदी सरकार बनने के बाद माना जा रहा था कि व्यवस्था बदलेगी भ्रष्टाचार कम होगा लेकिन आज देश में अगर सबसे भ्रष्ट कोई विभाग है तो वह रेलवे है। अगर सड़क की दोबारा मरम्मत नहीं होती है तो विरोध प्रदर्शन व अनशन किया जाएगा।
By Ran Vijay Singh

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