बता दें कि जिला कारागार में 900 से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण बढ़ने तथा जेल के कई बंदी रक्षक व बंदियों के पाजिटिव मिलने के बाद मुलाकात पूरी तरह रोक लगा दी गयी थी जो आज भी जारी है। ऐसे में परिवार के लोग बंदियों ने नहीं मिल पा रहा है। मुलाकात के लिए पेशी के दौरान लोग कोर्ट परिसर में पहुंच रहे हैं। बंदियों के परिजनों की समस्या को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
इसके तहत जिला कारागार में दो पीसीओ स्थापित की गयी है। एक पीसीएओ महिला बैरक और दूसरी पुरुष बैरक में है। इसका शुभारंभ होली पर्व पर किया गया। इससे बात करने के लिए बंदी को परिवार के लोगों के दो मोबाइल नंबर देने है। उक्त मोबाइल नंबर पर वे अधिकतम पांच मिनट बात कर सकते हैं। इसके लिए शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। बंदी को बात करने पर प्रति मिनट 96 पैसे प्लस जीएसटी यानि एक रुपये प्रति मिनट देने होंगे। खास बात है कि दोनों पीसीओ की इनकमिंग बंद कर दी गयी है। सिर्फ आउटगोइंग काल ही हो सकती है। बंदी दिये गए नंबर पर निर्धारित समय में बात कर सकते है।
जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि बंदियों को राहत देने व परिजनों से बातचीत के लिए पीसीओ की स्थापना की गयी है। एक पीसीओ महिला बैरक व एक पुरुष बैरक में स्थापित है। दिये गए नंबर पर बंदी अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकेंगे लेकिन किसी बाहरी से बात करने की छूट नहीं होगी। आने वाले दिनों में और भी पीसीओ स्थापित किये जा सकते हैं।
BY Ran vijay singh