उन्होंने कहा कि बटला हाउस में वर्ष 2008 को आजमगढ़ के दो नौजवान आतिफ, साजिद का फर्जी एनकाउंटर कर दिया गया था। उसी दिन से राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के लोग सुप्रीम कोर्ट के जज से न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं और हम यह मांग तब तक करते रहेंगे जब तक मामले की न्यायिक जांच शुरू नहीं होती। क्योंकि देश में प्रचलित क्रिमिनल प्रोसीजर कोर्ट की धारा 176 के अन्तर्गत किसी भी पुलिस टकराव में हत्या की मजिस्ट्रेट जांच करवाना अनिवार्य है। मौलाना ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री
उमा भारती के अनुसार भाजपा विकास की नहीं विनाश की पार्टी है। आगे उन्होंने कहा कि इस सरकार में कोई भी व्यक्ति चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम सभी परेशान दिख रहे हैं।
यह भी पढ़ें- याकूब हत्याकांड का दूसरा आरोपी भी गिरफ्तार, जिले की क्राइम की अन्य खबरें कोषाध्यक्ष मौलाना सहाब अख्तर ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, क्या सबका साथ सबका विकास, सबको न्याय के बिना संभव है? केन्द्र सरकार न्याय करने के बजाय मक्का मस्जिद, मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस जैसे बम काण्ड के अभियुक्त को बचाने की कोशिश में लगी हुई है।
यह भी पढ़ें- Six Month of Yogi Government: और बदतर हो गई सड़क, मांस कारोबार पर भी नहीं लगी लगाम धरना को अनिल सिंह, युवा प्रदेश अध्यक्ष नुरूलहुदा, मुफ्ती गुफरान, शाहजमा उर्फ नय्यर, शकील अहमद आदि ने सम्बोधित किया। इस दौरान सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री समेत लगभग 46 लोगों ने ओलमा कौंसिल का हाथ थामा। अध्यक्षता राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के महासचिव मौलाना ताहिर मदनी व संचालन अफजल उर्फ चमन ने किया। इस मौके पर मोहम्मद तारिक, कमाल नासिर, अशफाक अहमद, मोहम्मद खालिद, बदरे आलम, अबु हुरैरा, मुशीर अहमद, परवेज अहमद आदि उपस्थित थे।
By Ran Vijay Singh