बसपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी तथा उनके भाई आनंद के बिजनेस पार्टनर विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक हैं । विधायक होने के साथ ही शाह आलम कंस्ट्रक्शन बिजनेस भी चलाते हैं, उनकी पत्नी शाहीन आलम रीटेल बिजनेस में हैं और उनकी ‘बिग शॉप’ नाम से दुकानें चलती हैं । 2017 के चुनाव में उन्होंने अपनी संपत्ति 119 करोड़ घोषित की थी । 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गये हैं ।
बसपा विधायक शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली की पूर्वांचल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी है। जिसका मुख्यालय गोमतीनगर लखनऊ में स्थित है। पीड़िता के मुताबिक वह 2019 में कंपनी में सेल्स एंव मार्केटिंग मैनेजर पद के लिए इन्टरव्यू के लिए गयी थी। खुद शाह आलम ने उसका इंटरव्यू लिया। इसके तीन चार दिन बाद ही शाह आलम उसके वाट्सएप पर कॉल करने लगा और पर्सनल सेक्रेटरी का पद ऑफर किया। जब उसने मना कर दिया तो मई 2019 में पूर्वांचल किग्स कोर्ट ऑफिस में डिप्टी मैनेजर पद पर ज्वाइनिंग दी गयी। इसके बाद शाह आलम उसे कॉल कर पर्सनल बातें करने लगा। उसने कहा कि मैं अपनी वर्क रिपोर्ट उसे ही दूं ना कि एजीएम अक्षित कपूर को। इसी बीच एक दिन शाह आलम सेल्स ऑफिस पहुंच गया और सभी स्टॉफ की रिपोर्ट लेने लगा। फिर वह चला गया। उसी दिन उसका कॉल आया कि बहुत जरूरी बात करनी है बंगले पर आ जाओ। जब वह बंगले पर गयी तो वहां काम करने वाले मुन्ना ने उसे उपर पहुंचा दिया। कुछ देर बार शाह आलम वहां पहुंचा और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा और रेप का प्रयास किया । जब उसने उसे धक्का दे दिया और पुलिस से शिकायत की बात कही तो शाह आलम ने आश्वस्त किया कि अब कभी इस तरह की हरकत नहीं करेगा। पहले तो उसने सोचा काम छोड़ देगी लेकिन शाह आलम की सच्चाई जानने के लिए उसने काम नहीं छोड़ा।
इस दौरान उसने पाया कि वह अपने यहां काम करने वाली लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाता है और पैसे की लालच देकर उनका शारीरिक शोषण करता है। उसने एक नाबालिग को भी अपना शिकार बनाया। उसने जब शाह आलम की पूर्व सेक्रेटरी से बात की तो उसने भी कई राज खोले। डिप्टी मैनेजर पद पर काम करते हुए उसे पता चला कि शाहआलम 1.40 करोड़ और डेढ़ करोड़ तक के प्लैट की रजिस्ट्री 70 से 80 लाख में कराकर टैक्स की भी चोरी करता है। वह अवैध ट्रांजेक्शन के हिसाब भी आफिस में नहीं रखता है। 29 दिसंबर को उसने शाह आलम के फोन पर क्लाइंट से बात करने का मैसेज छोड़ा तो उसने कहा कि काम वाम तो चलता रहता है अब तुम पुरानी हो गयी हो। फिर उसने फिर उसे अपने झांसे में फंसाने की कोशिश की तथा पर्सनल रिलेशनसिप का दबाव डाला। जब उसने मना किया तो शाह आलम ने 06 जनवरी 2020 को एचआर सुमिता को कन्वेंस करने के लिए भेजा। सुमिता ने कहा कि काम करना है तो बास की बात माननी पड़ती है। जब उसने मना कर दिया तो शाह आलम ने फोन कर धमकी देनी शुरू कर दी। इसे बाद उसने 13 जनवरी को सीओ संतोष कुमार सिंह से मौखिक तथा 13 जनवरी को लिखित शिकायत की। इससे नाराज होकर शाह आलम ने 14 जनवरी को सेवा समाप्ति का लेटर भिजवा दिया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता के मुताबिक उसकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक शाह आलम के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है ।