उन्होंने छात्रों से अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहने और एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की। और कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद आप अपने दृढ़ संकल्प के द्वारा अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने गांव में उपयोग आने वाली दूधिया और अडूस जैसे वनस्पतियों के वैज्ञानिक उपयोग तथा अन्न साफ करने वाले सूप का भी उदाहरण दिया। छात्रों ने उनकी रोचक शैली में प्रस्तुत वैज्ञानिक तथ्यों को बहुत गहराई से ग्रहण किया।
बैंक मैनेजर बन कर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह को युवक ने सिखाया सबक कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. लल्लन मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन कर दीप प्रज्जवलित किया। इस मौके पर प्रो.
अमरनाथ राय ने उनका स्वागत करते हुये परिचय कराया। महाविद्यालय के संस्थापक एवं विज्ञान परिषद के संरक्षक डा. मातबर मिश्र ने प्रो. श्री मिश्र को अंगवस्त्रम, प्रतीक चिन्ह और परिसंवाद ट्रस्ट के सर्वोच्च शिक्षा सेवी पूर्वांचल शिखर सम्मान से समलंकृत किया। इस अवसर पर कुमारी दिव्या श्रीवास्तव ने सरस्वती वन्दना तथा कुमारी प्रीति पाण्डेय ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक पंकज मिश्र, प्रतिभा सिंह आदि ने अपनी कवितायें प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन शशांक चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर चीफ प्राक्टर रमेशचन्द पाण्डेय, प्राचार्य डा. उमेशचन्द पाण्डेय, डा. विपिन दूबे, डा. दुर्गा प्रसाद शर्मा, अरूणेन्द्र पाण्डेय, आकांक्षा यादव आदि उपस्थित रहे। अन्त में प्राचार्य डा. नीलम राय ने आभार ज्ञापित किया। अध्यक्ष डा. मातबर मिश्र ने समीक्षात्मक सम्बोधन से कार्यक्रम समाप्त किया।