मेजा क्षेत्र का रहने वाला है आरोपी कृष्णा
पुलिस के मुताबिक आरोपी कृष्णा अवतार सिंह पुत्र अनिरुद्ध सिंह मेजा तहसील का रहने वाला है। कृष्णा अवतार सिंह को बीएसई और बीसीए किया है। रातो-रात करोड़पति बनने के लिए वह इस ठगी के खेल में शामिल हुआ। अब तक वह कई लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूट चुका है।
कृष्णा सीधे-साधे लोगों को बनाता था शिकार
कृष्णा सीधेे-साधे लोगों को फंसाकर उनका ऑनलाइन खाता खुलवाता था। उसका बॉस जय दुबई में रहता है। उसके कहने पर कृष्णा खातों में ऑनलाइन गेमिंग से आए करोड़ों रुपए क्रिप्टो करेंसी में बदल देता था। इसके बाद उसे जय के वॉलेट में ट्रांसफर करवा देता था। इस मामले में पुलिस मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग के एंगल पर जांच कर रही है।
10 दिन में पौने चार करोड़ किए ट्रांसफर
कृष्णा ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि पिछले 10 दिनों में उसने बाइनेन्स ऐप से 3 करोड़ 74 लाख 83 हजार 127 रुपए को क्रिप्टो करेंसी में बदला है। सारा धन उसने जय द्वारा बताए गए वॉलेट एड्रेस पर ट्रांसफर किया है। जांच में पाया गया कि कृष्णा ने बिना कर का भुगतान किए ही यह धनराशि अवैध ढंग से भेजी है। धन के किसी वैध स्रोत का अब तक पता नहीं चला है। पुलिस अनिरुद्ध को भी गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। गिरोह में शामिल अन्य की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है।
कमीशन के लिए खोलवाता था खाता
कृष्णा ने पुलिस को बताया कि दुबई में बैठा जय उसे निर्देश देता था। उसके बताए अनुसार ही वह काम करता था। वह प्रयागराज और आसपास के लोगों से विभिन्न बैंक खातों के करेंट अकाउंट और ऑनलाइन यूजर आईडी और पासवर्ड लेकर जय को भेज देता था। खाताधरकों को कुल ट्रांजैक्शन का 0.7% कमीशन देने का वादा करके खाता खुलवाता था।
उन्हीं खातों में आता था ऑनलाइन गेमिंग का पैसा
कृष्णा के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग का पैसा इन्हीं खातों में जाता था। इन खातों में करोड़ों रुपए भेजे जाते थे। इसके लिए उसे एक निश्चित कमीशन दिया जाता था। इन गेमिंग ऐप्स द्वारा आरबीआई की पेमेन्ट एग्रीग्रेटर्स एंड पेमेन्ट गेटवेज की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जाता है ।
करोड़पति बनना चाहता था कृष्णा
कृष्णा के मुताबिक जय से जान-पहचान फेसबुक से हुई। जय ने एक दिन उसे बिना कुछ लागत के करोड़पति बनने का रास्ता बताया। उसका रोडमैप भी बनाकर दिखाया। कृष्णा को लगा कि घर बैठे बिना कुछ लगाए करोड़पति बनने का रास्ता अगर मिल रहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद वह इस काम में लग गया। उसे उम्मीद नहीं थी कि वह पकड़ा जाएगा।
तैयार किया था फर्जी आधार कार्ड
कृष्णा ने बताया कि खाता धारकों को कमीशन का एक हिस्सा भेज दिया जाता था। इसके बाद शेष बचे उन रुपयों को बाइनेन्स ऐप के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता था। फिर उसे जय द्वारा बताए गए वॉलेट एड्रेस पर ट्रांसफर कर दिया जाता था। कृष्णा द्वारा बताया गया कि वह अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड में हेराफेरी करके अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया करता था ।
पुलिस कर रही आतंकी कनेक्शन की जांच
जांच एजेंसियों ने जय की प्रोफाइल के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया है। जय कौन है। जय ने करोड़ों रुपए कहां और किसे ट्रांसफर किए हैं। कहीं इसके पीछे आतंकी फंडिंग तो नहीं है। जय नाम का व्यक्ति भारत में ही तो बैठकर ये धंधा नहीं चला रहा है। यह सारी जानकारी हासिल करने की कोशिश हो रही है।
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अधिकारियों का दावा, मनी लॉन्ड्रिंग का चल रहा था खेल
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि थाना जार्जटाउन और साइबर सेल को ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से करोड़ों रुपए की ठगी करने की शिकायत मिली थी। इसको लेकर जॉर्जटाउन थाने में रिपोर्ट दर्ज थी। इसी सिलसिले में मदरा भगनपुर, मेजा खास का रहने वाला शातिर कृष्णा अवतार सिंह को गिरफ्तार किया गया है। वह कम्प्यूटर का अच्छा जानकार है। अब तक जांच में सामने आया है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का खेल है। इसकी विस्तृत जांच जारी है।