जिला उद्यान अधिकारी बाल कृष्ण वर्मा ने किसानों को आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग से केला उत्पादन के तरीके बताएं। साथ ही केला की फसल की इंटर क्राफ्टिंग. एक ही खेत में दो फसलें उगाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टिशू केला की फसल रोग रहित कम समय में अधिक उत्पादन देती है। यह फसल एक हेक्टेयर मे औसतन आठ से नौ लाख रुपये की आय देती है। इसमें शाक भाजी की सह फसली खेती से अतिरिक्त आय भी प्राप्त की जा सकती है। उद्धान विभाग द्वारा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तीस हजार रुपए तक प्रति हेक्टेयर पर अनुदान दिया जा रहा है। पंजीकृत कृषक रजिस्टर संस्था से स्वयं पौधे खरीद कर बिल भुगतान हेतु उपलब्ध कराएंगे जो सत्यापन के बाद खाते में डीबीटी किया जाएगा।
उन्होंने जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया। टिशू कल्चर केले के प्रशिक्षण में उधान विभाग के उद्यान निरीक्षक कृष्ण कुमार सिंह ने विशाल राय के खेतों में केले की पौधा लगा कर दिया। इसी क्रम में बहादुरपुर आशीष उर्फ टोनी के खेत मे केले के पौधे लगाये। ठेकमा विकास खंड क्षेत्र के कुडिहर गांव में घनश्याम सिंह के खेत में केले की पौध लगाकर उसमें जैविक खाद का प्रयोग तथा इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर क्षेत्र के सुनील राय, गौरी शंकर यादव, श्री प्रकाश राय, दिनेश विश्वकर्मा, गुलाब यादव, उमाकांत प्रजापति, पिंटू सिंह, अरुण कुमार यादव, दिनेश यादव, पन्ना राजभर, मूल तिवारी, कुमार शुक्ला, अभिषेक राय, अमन राय, द्रोपति सिंह, संतोष राय, एडवोकेट सुधीर श्रीवास्तव, एडवोकेट संजय राय, गोल्डी राय, शब्बीर अहमद, अवधेश राय आद उपस्थित रहे।
By- रणविजय सिंह