भाजपा सरकार ऑक्सीजन दो, अखिलेश यादव की सीएम योगी से गुहार कांशीराम के साथ कंधा से कंधा मिलकर चले :- बलिहारी बाबू ने बसपा के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम के साथ बहुजन समाज के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 1984 में जब कांशीराम ने बामसेफ और डीएस-4 के जरिए दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज को एकजुट करने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में साइकिल यात्रा निकाली तो बलिहारी बाबू उनके कंधे से कंधा मिलकर चले थे।
सभी पार्टियों का पकड़ा साथ :- बलिहारी बाबू बसपा से दो बार राज्यसभा सांसद चुने गए थ्ज्ञे। वर्ष 2006 में कांशीराम के निधन के बाद वर्ष 2007 में उन्हें फिर राज्यसभा जाने का मौका मिला पर उन्होंने इंकार कर दिया। फिर बलिहारी बाबू को बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्होंने कांगेस ज्वाइन की। वर्ष 2014 में लालगंज संसदीय सीट से चुनाव लड़े पर हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने बसपा में वापसी की। पर पुराना कद नहीं मिला। आखिरकार 2020 में उन्होंने बसपा छोड़कर सपा का दामन थामा।
अखिलेश यादव (Akhilesh sad) दुखी :- समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट पर लिखा कि, सपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद एवं बहुजन आंदोलन के योद्धा बलिहारी बाबू जी का निधन, अपूरणीय क्षति। दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान, शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना, भावभीनी श्रद्धांजलि।