पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे शौकत
शौकत अली ने अजमतगढ़ जाकर मृतक फिरोज के परिजनों से मुलकात की। परिजनों ने चौकी इंचार्ज अजमगतगढ़ पर पैसा न मिलने पर फिरोज ही हत्या का आरोप लगाया। बताया कि पुलिस मामले को रफा दफा करने में जुटी है। शौकत ने परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
31 दिसंबर को मंदिर परिसर में मिली फिरोज की लाश
जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के अजमतगढ़ कस्बा निवासी 42 साल के फिरोज पर दुष्कर्म का आरोप लगा था। 30 दिसंबर 2022 को पुलिस उसे अपने साथ अजमतगढ़ चौकी ले गई थी। इसके बाद 31 दिसंबर को पुलिस चौकी के पास ही मंदिर परिसर में फिरोज की लाश मिली थी। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया था।
शौकत ने लगाया तहरीर बदलने का आरोप
परिजनों से मुताकात के बाद शौकत अली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने परिजनों की तहरीर बदलवा दी। मुकदमे को खत्म करने की साजिश की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत को सामान्य दिखाया गया है। ऐसे में जो आरोपी बनाए गए हैं वे भी बरी हो जाएंगे। दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
एसपी से मिलेगा AIMIM का प्रतिनिधिमंडल
शौकत अली ने कहा कि पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की छबि अच्छे अधिकारी की है। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराएगा। हमारा प्रयास होगा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
आरोप, सपा और बीजेपी करती हैं मुस्लिम उत्पीड़न
शौकत अली ने आरोप लगाया कि जब भी प्रदेश में सपा या भाजपा की सरकार बनती है, मुसलमानों का उत्पीड़न होता है। आज बीजेपी के लोग पसमांदा मुस्लिमों के विकास का दावा कर रहे हैं। आखिर उन्हीं की सरकार में फिरोज को कैसे पुलिस कस्टडी में मार दिया गया। फिरोज भी तो पसमांदा मुस्लिम था। अब उसकी हत्या के बाद सही ढंग से कार्रवाई भी नहीं हो रही है।
कौन है पसमांदा मुस्लिम
मुस्लिमों की कुल आबादी के 85 फीसदी हिस्से को पसमांदा कहा जाता है। यानि वो मुस्लिम जो दबे हुए हैं। इसमें दलित और बैकवर्ड मुस्लिम आते हैं। यह मुसलमान समाज में एक अलग सामाजिक लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके कई आंदोलन हो चुके हैं। फिरोज भी इसी समाज से ताल्लुक रखता था।
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क्या कहती है पुलिस
इस मामले में जीयनपुर कोतवाल का कहना है कि परिजनों की तहरीर के आधार पर ही एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप की जांच की जा रही है।