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बिग ब्रेकिंग : गुमनामी बाबा के नेता जी होने के दावे पर बड़ा खुलासा ,सार्वजनिक होने वाली है जस्टिस सहाय आयोग की रिपोर्ट सुभाष चन्द्र बोस विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा सही ढंग से आयोग ने नहीं की गुमनामी बाबा मामले की जांच पत्रिका टीम ( Patrika.com ) से खास बातचीत करते हुए शक्ति सिंह ने कहा कि जस्टिस सहाय आयोग की इस रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है .न्यायालय ने यह निर्देशित किया था की वैज्ञानिक रूप से आयोग यह बताएं कि आखिरकार गुमनामी बाबा कौन थे और 276 आर्टिकल जिस व्यक्ति के पास से मिले उस व्यक्ति की पहचान क्या थी. जो व्यक्ति जिला प्रशासन और पुलिस की निगरानी में फैजाबाद के राम भवन में रहता था वह व्यक्ति कौन था . इस सवाल से आज भी पर्दा नहीं उठ सका है और हमारा सवाल शुरू से यही रहा कि सरकार और जांच एजेंसियां यह स्पष्ट करें कि गुमनामी बाबा आखिर कौन थे .
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कारगिल विजय दिवस के सम्मान में डोगरा रेजिमेंटल सेंटर में तीन दिनों तक होंगे भव्य आयोजन शक्ति सिंह ने की मांग जिस व्यक्ति के पास से मिले 276 आर्टिकल उस व्यक्ति की सही पहचान उजागर करे सरकार शक्ति सिंह ने कहा कि जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी जांच में ना ही कोई डीएनए टेस्ट ( DNA Test ) कराया ना ही कोई वैज्ञानिक परीक्षण . सिर्फ बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट बना दी और उसमें यह कह दिया कि गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( Neta Ji Subhash Chandra Bose ) नहीं थे . मेरा कहना है कि हमने पहले भी यह नहीं कहा था कि गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे . हमारा सवाल सिर्फ इतना ही था कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से जुड़े तमाम रहस्यों को अपने में समेटे फैजाबाद के ( Faizabad Ram Bhavan ) राम भवन में रहने वाला व्यक्ति आखिरकार कौन था . सरकार और न्यायालय द्वारा गठित जांच एजेंसियां इस रहस्य से पर्दा उठायें . जिस दिन इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा उस दिन यह पता चल जाएगा कि आखिरकार गुमनामी बाबा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस में क्या संबंध था . आयोग की जांच रिपोर्ट से हम संतुष्ट नहीं है हमारा सवाल आज भी जिंदा है कि आखिरकार गुमनामी बाबा कौन थे . बताते चलें कि गुमनामी बाबा के जीवन से जुड़े सभी रहस्य अभी सामने आने बाकी हैं हो सकता है रिपोर्ट सार्वजानिक होने के बाद ये स्पष्ट हो सके कि गुमनामी बाबा आखिर थे कौन …