अयोध्या और काशी में अलग समुदाय के भिखारी, मंदिर परिसर में सुरक्षा को गंभीर खतरा, जाने पूरा मामला
विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता चंपत राय अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहते है कि प्रतीकों का बहुत महत्व होता है। जैसे हमारा राष्ट्र ध्वज 125 करोड़ भारत वासियों के सम्मान का प्रतीक है वैसे ही भारत वर्ष के सम्मान का प्रतीक है श्रीराम जन्मभूमि पर स्थित मंदिर। अयोध्या में तो तीन हजार मंदिर हैं, देश में लाखों मंदिर श्रीराम के हैं लेकिन भगवान राम की जन्मभूमि एक ही है। वह बदल नहीं सकती, उसे बदला नहीं जा सकता, वह चिरंतन स्थाई है, अनट्रांसफरेबल है। बाबर आक्रांता था, विदेशी था उसने राष्ट्र के स्वाभिमान के प्रतीक राम मंदिर को तोड़ा जिसकी पुनर्प्रतिष्ठा करने में 500 साल लगे हैं।अयोध्या में पूरा नहीं हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का कार्य टोल टैक्स वसूली शुरू
किसी की जीत नहीं, किसी की हार नहींविश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय बताते हैं कि आगामी 22 जनवरी को देश भर में दीपक जलाएं जाएं। उत्सव मनाया जाए। लेकिन यह किसी को चिढ़ाने के लिए नहीं होना चाहिए। यह ना तो किसी की जीत है, ना हार है। भगवान राम सबके हैं। राष्ट्र की एकता अखंडता के प्रतीक है। राम भारत के आदर्श और प्रेरणा के पुंज हैं। हमारे राष्ट्रीय महापुरुष हैं, इस सत्य को स्वीकार करने में 500 वर्ष लगे हैं। बस इतना ही।