सोमवार को भी गोरखपुर आ रही 22550 वंदे भारत पर अयोध्या के पास किसी ने पत्थर चला दिया। इसके चलते कोच नंबर सी 7 के सीट नंबर 33 और 34 नंबर के पास वाली खिड़की का शीशा टूट गया। यात्री अनुराग ने बताया कि किसी ने बाहर से पत्थर चलाया है।
जानकारों के अनुसार एक दिन पहले रविवार को भी कोच नंबर सी 6 के सीट नंबर 20, 21 और 22 के पास वाली खिड़की का शीशा भी टूट गया था। यात्री एके गुप्ता ने बताया कि रास्ते में किसी ने पत्थर चलाया था, जिसके चलते शीशा टूटा है।
20 मार्च को भी प्रयागराज से गोरखपुर आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर चला था। ऊंचाहार रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर चला दिया। जिससे कोच नंबर सी- 7 के सीट नंबर 38, 39 के पास वाली खिड़की पर लगे शीशे चटक गए।
18 मार्च को भी प्रयागराज और लखनऊ के बीच बछरांवा और श्रीराजनगर स्टेशन के बीच पत्थर लगने से कोच नंबर सी 2 के सीट 23, 24, 28 और 29 तथा कोच नंबर सी 4 के सीट नंबर 63 और 64 के पास वाली खिड़की का शीशा चटक गया। रेलवे को एक शीशा बदलने में ही लगभग 13 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं।